दुनियाभर में कोरोनावायरस के कहर ने लोगों को घरों में ही रहने को मजबूर कर दिया है. बड़े से लेकर छोटे स्तर तक, हर तरह के स्पोर्ट्स इवेंट फिलहाल टल चुके हैं या रद्द हो चुके हैं. क्रिकेट का हाल भी ऐसा ही है. ऐसे में बिना मैचों के फिक्सिंग का ख्याल शायद किसी के दिमाग में न आए, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के लिए ये मौजूदा दौर में भी चिंता का कारण बना हुआ है.


आईसीसी को लग रहा है कि मैचों के बिना भी फिक्सर क्रिकेटरों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर सकते हैं. इसलिए उसने क्रिकेटरों और क्रिकेट बोर्ड से सतर्क रहने की अपील की है. दुनियाभर में मार्च के तीसरे हफ्ते से ही कोई भी बड़ा क्रिकेट मैच नहीं खेला गया है.


इसके बावजूद आईसीसी की एंटी-करप्शन यूनिट के प्रमुख एलेक्स मार्शल ने कहा है कि ये मान लेना गलत होगा कि फिक्सरों की ओर से क्रिकेटरों को संपर्क करने की कोशिशों में कोई कमी आएगी.


ब्रिटेन के अखबार गार्डियन से बात करते हुए मार्शल ने कहा, “COVID-19 के कारण इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट में भले ही अस्थाई रुकावट आई हो, लेकिन भ्रष्ट लोग अभी भी सक्रिय हैं. इसलिए हम सदस्यों, खिलाड़ियों, प्लेयर्स एसोसिशन और एजेंटों से लगातार बात कर रहे हैं.”


कम कमाई वाले खिलाड़ी आसान शिकार


मार्शल ने कहा कि वो और उनकी टीम को इस बात का एहसास है कि मैच न होने के कारण खिलाड़ियों की कमाई पर असर पड़ रहा है और इसके कारण कम कमाई वाले क्रिकेटरों को फिक्सिंग के लिए फंसाने की कोशिशें ज्यादा होंगी.


एसीयू के प्रमुख मार्शल ने कहा, “हम जानते हैं कि ऐसे वक्त में जब क्रिकेटर्स सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं, फिक्सर इस वक्त का इस्तेमाल करते हैं और खिलाड़ियों से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश करते हैं ताकि बाद में उनको इस्तेमाल कर सकें.”


मार्शल ने बताया कि एसीयू ने खिलाड़ियों, बोर्ड समेत बड़े स्तर पर संपर्क स्थापित किए हैं और ऐसी आशंकाओं के बारे में उन्हें सचेत किया है.


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