(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IND vs AUS Final: राहुल की धीमी पारी, रोहित का आक्रामक अंदाज या गेंदबाजों का फ्लॉप शो? आखिर कैसे फाइनल में फुस्स हो गई टीम इंडिया?
IND vs AUS: भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार गई, और वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई. आइए हम आपको इस हार के कुछ कारण बताते हैं.
Indian Cricket Team: भारतीय क्रिकेट टीम ने इस वर्ल्ड कप के सभी मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था, और एक भी मैच गंवाए बिना फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को हराकर वर्ल्ड कप जीत लिया. फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया शुरू से भारतीय टीम पर हावी रही है, और अंत में 7 ओवर शेष रहते 4 विकेट से मैच जीतकर छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बन गई. आइए हम टीम इंडिया की हार के कारणों पर चर्चा करते हैं.
पिच परखने में गलती करना
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने अहमदाबाद की पिच को पढ़ने में गलती की. टॉस हारने के बाद रोहित शर्मा ने कहा कि वह बल्लेबाजी करना ही चाह रहे थे कि लेकिन पैट कमिंस ने कहा कि वो पहले गेंदबाजी करना चाहते हैं, और कमिंस का फैसला सही साबित हुआ. फाइनल मैच की पिच पर पहले बल्लेबाजी काफी मुश्किल था, लेकिन बाद में काफी आसान हो गई थी. इसका मतलब है कि टीम इंडिया के कप्तान से पिच परखने में गलती हुई है. हालांकि, वह टॉस हार भी गए थे, तो यह चीज हाथ में थी भी नहीं.
रोहित का आक्रमक अंदाज
रोहित ने इस पूरे टूर्नामेंट में तेज बल्लेबाजी करके अपनी टीम को शानदार शुरुआत दिलाई है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मैच में भी ऐसा ही किया, और 31 गेंदों में 47 रनों की पारी खेलकर आउट हो गए. हालांकि, मैक्सवेल के जिस ओवर में रोहित आउट हुए, उस ओवर में रोहित एक छक्का और चौका लगा चुके थे, लेकिन तीसरी बार बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे. यह पावरप्ले का आखिरी ओवर था, और रोहित बची हुई तीन गेंदों पर अधिक से अधिक रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को दबाब में डालना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसलिए कुछ लोग रोहित के उस आक्रमक रवैये को हार का कारण मान रहे हैं. हालांकि, अगर रोहित पावरप्ले के उस आखिरी ओवर में बड़े शॉट्स लगाकर आउट ना होते, तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था, और फिर लोग रोहित के उसे रवैये की तारीफ कर रहे होते.
केएल राहुल की धीमी पारी
81 पर 3 विकेट गिरने के बाद जब केएल राहुल क्रीज पर आए तो उन्हें उस वक्त विराट कोहली के साथ मिलकर टीम की पारी को अंत तक लेकर जाना था. उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज रन बनाने का मौका भी नहीं दे रहे थे. केएल राहुल ने 107 गेंदों में 61.68 की स्ट्राइक रेट से 66 रनों की पारी खेली, जिसमें सिर्फ एक चौका शामिल था. केएल राहुल अगर 80 या 90 की स्ट्राइक रेट से खेलते तो बात कुछ और होती, लेकिन जब उन्होंने अपनी पारी को तेज करना चाहा, तब विराट का विकेट गिर गिया, और उन्हें फिर से सूर्या के साथ मिलकर टीम को संभालना पड़ा. राहुल की मंशा अंत तक टिके रहने और अंतिम ओवर्स में अपने पारी को तेज करने की थी, लेकिन दुर्भाग्यवश वह मिचेल स्टार्क की बेहतरीन गेंद पर विकेटकीपर जोश इंग्लिश को कैच थमा बैठे. लिहाजा, परिस्थितियों के हिसाब से गलती राहुल की भी नहीं थी.
गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन
भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत के कुछ ओवर्स में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खूब परेशान किया, और 47 रनों पर 3 विकेट भी चटका दिए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती 40 रन काफी तेज गति में बनाए, और उसका कारण गेंदबाजों द्वारा किया जा रहा अतिरिक्त प्रयास था. उन तेज 40 रनों ने ऑस्ट्रेलिया को एक तेज मूमेंटम दिया, क्योंकि 3 विकेट गिरने के बाद उन्हें जीत के लिए 200 से भी कम रन चाहिए थे. अगर ऑस्ट्रेलिया ने 20 रन पर 3 विकेट गंवाए होते तो बात कुछ हो सकती थी. हालांकि, ट्रैविस हेड और मार्नस लाबुशेन के टिकने के बाद पिच पर बल्लेबाजी करना काफी आसान हो गया था, और हमारे गेंदबाज कुछ कर नहीं पाए.
इन सभी बातों को समझकर ऐसा लगता है कि गलती इनमें से किसी की नहीं थी. टीम इंडिया ने पिच और परिस्थितियों को समझने में भूल की, और भाग्य ने भारत की परिस्थितियां खराब कर दी, जिसे संभालने के चक्कर में भारतीय खिलाड़ियों से भी कुछ गलतियां होती चली गई.