IND vs AUS 3rd Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच इंदौर में खेले जा रहे टेस्ट मैच में पहले दिन (1 मार्च) 14 विकेट गिरे. इंदौर की पिच पर शुरुआत से ही स्पिनर्स को इतना टर्न मिला कि स्पिन के खिलाफ अच्छा खेलने वाले भारतीय बल्लेबाज भी हक्के-बक्के रह गए. मुकाबले के पहले दिन महज 33.2 ओवर में ही भारतीय टीम ऑलआउट हो गई थी. ऐसे में इंदौर की पिच को लेकर ढेर सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. इन्हीं में से एक सवाल यह भी है कि क्या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तहत खेले जाने वाले मुकाबलों में ICC के पिच क्यूरेटर होने चाहिए?


भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्तमान में खेली जा रही चार मैचों की टेस्ट सीरीज WTC के तहत ही खेली जा रही है. ICC के इस टूर्नामेंट में टेस्ट टीमों को कुछ निर्धारित संख्या में होम और अवे फॉर्मेट के आधार पर मैच खेलने होते हैं. इसी के बाद पॉइंट्स टेबल में टॉप-2 टीमों के बीच फाइनल मुकाबला होता है. अब चूंकि यह टूर्नामेंट पूरी तरह से ICC का है, ऐसे में इस टूर्नामेंट के सभी मुकाबलों में ICC के पिच क्यूरेटर होने का सवाल भी जायज़ नजर आ रहा है.


अगले WTC सायकल में हो सकता है यह बदलाव
दरअसल, सफेद गेंद से खेले जाने वाले ICC के जितने भी टूर्नामेंट (वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी आदी) होते हैं उनमें अंपायर से लेकर पिच क्यूरेटर्स और अन्य कई तरह की चीजें ICC के ही हाथ में ही होती हैं, जबकि द्विपक्षीय और ट्राई सीरीज में इन सब की जिम्मेदारी मेजबान देश की होती है. WTC शुरू होने से पहले टेस्ट मैच केवल द्विपक्षीय सीरीज के तहत ही होते थे, ऐसे में यहां हमेशा मेजबान टीम ही पिच क्यूरेटर्स व अन्य चीज़ों का प्रबंध करती है. लेकिन अब जब ये द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज WTC के तहत खेली जाने लगी हैं तो संभव है कि आने वाले समय में इस तरह की टेस्ट सीरीज में भी ICC के पिच क्यूरेटर्स हों.


ICC के पिच क्यूरेटर्स होने से दोनों टीमों को मिलेगा बराबर मौका
ICC अगर यह फैसला लेती है तो यह क्रिकेट के लिए ही बेहतर होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि फिलहाल किसी भी द्विपक्षीय सीरीज में मेजबान टीमें अपने-अपने मजबूत पक्ष के मुताबिक ही पिचें तैयार कराती हैं, जैसा कि भारत में हमेशा स्पिन फ्रेंडली पिच तैयार की जाती है. अगर इन सीरीज में ICC के पिच क्यूरेटर्स का हस्तक्षेप रहेगा तो पिचें बिना भेदभाव के तैयार की जाएंगी और दोनों टीमों के पास जीतने के बराबर मौके होंगे.


यह भी पढ़ें...


Virat Kohli: 3 साल... 40 पारियां और महज 26 का औसत, टेस्ट क्रिकेट में नहीं हो पा रही किंग कोहली की वापसी