IND vs AUS: फिर से खेला जाएगा 2023 वर्ल्ड कप का फाइनल? ऑस्ट्रेलिया की बेईमानी की वजह से ICC ने लिया फैसला? जानें वायरल दावों का सच
World Cup 2023 Final: वर्ल्ड कप 2023 फाइनल मुकाबले के दोबारा आयोजित किए जाने की चर्चा सोशल मीडिया पर अभी भी गर्म है. क्या वाकई ऐसा संभव है? यहां जानें..
IND vs AUS Final: वर्ल्ड कप 2023 को खत्म हुए दो हफ्ते से ज्यादा वक्त बीत चुका है लेकिन इसके बावजूद सोशल मीडिया पर इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबला को फिर से कराने की चर्चा खत्म नहीं हुई है. भारतीय क्रिकेट फैंस एक बार फिर से वर्ल्ड कप फाइनल होते देखना चाहते हैं. इसके पीछे वही कारण बताया जा रहा है कि ट्रेविस हेड के हाथ से रोहित शर्मा का कैच टपक गया था लेकिन उन्होंने बेईमानी की और रोहित को पवेलियन लौटना पड़ा. इन सब दलीलों के बीच कुछ पोस्ट में तो साफ-साफ दावे किए जा रहे हैं कि आईसीसी ने आखिरकार वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल फिर से कराने का फैसला ले लिया है.
इस तरह के दावों में भी यही कारण बताया जा रहा है कि रोहित शर्मा आउट नहीं थे लेकिन क्योंकि अंपायर समेत किसी ने भी उनके कैच ड्रॉप होने पर ध्यान नहीं दिया, ऐसे में आईसीसी ने फिर से फाइनल कराने की योजना बनाई है. क्या वाकई यह सच है? आइये हम बताते हैं इन दावों की असल सच्चाई...
वर्ल्ड कप 2023 फाइनल को फिर से कराने के सारे दावे झूठे हैं. आईसीसी ने इस तरह का कोई फैसला न ही लिया है और न ही ले सकता है. सबसे पहली बात तो यह कि ट्रेविस हेड ने रोहित शर्मा का जो कैच लपका था, उसका वीडियो आईसीसी ने खुद पोस्ट किया था. इसमें साफ-साफ देखा जा सकता है कि ट्रेविस ने बड़े स्पष्ट तौर पर कैच पकड़ा था. यहां रोहित शर्मा बिल्कुल आउट थे.
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दूसरी बात यह भी कि अगर किसी मुकाबले में कोई टीम बेईमानी से जीत भी जाती है तो यह बात पता चलने के बाद भी मैच का नतीजा न तो पलटा जाता है और न ही उसे फिर से खेला जाता है. भूतकाल में कभी भी ऐसा नहीं हुआ है. फीफा वर्ल्ड कप में एक बार अर्जेंटीना के लीजेंड डिएगो माराडोना ने हाथ से गोल करते हुए अपनी टीम को वर्ल्ड कप जीताया था. यह बात पता होने के बाद भी उस वर्ल्ड कप फाइनल को दोबारा नहीं कराया गया.
तो फिर इस तरह के दावे क्यों?
यू-ट्यूब से लेकर इंस्टा तक, जो भी वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल को दोबारा होने के दावे कर रहे हैं, वे यूजर्स सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट फैंस को भ्रमित कर अपने व्यूज़ बढ़ाना चाहते हैं. ये यूजर्स फर्जी न्यूज चैनल्स का नाम रख-रखकर इस तरह के झूठे दावे करते रहते हैं ताकि इन्हें ज्यादा लाइक्स, शेयर और सब्स्क्रिप्शन मिले.
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