ICC ने खारिज किया दावा, कहा- भारत के खिलाफ इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया मैच में नहीं थी हुई फिक्सिंग
आईसीसी के चारों जांचकर्ताओं ने पाया कि मैच के जिस हिस्से को कथित तौर पर फिक्स कहा जा रहा था, वह पूरी तरह से प्रत्याशित था और उसे फिक्स नहीं कहा जा सकता. इन लोगों का व्यवहार भले ही संदिग्ध हो, लेकिन उनके खिलाफ मैच फिक्सिंग से संबंधित कोई भी सबूत नहीं मिला है. ठोस और विश्वसनीय सबूतों के अभाव में क्रिकेटर्स पर कोई मामला नहीं बनता है.
आईसीसी (International Cricket Council) ने समाचार चैनल अल जजीरा के उसे दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें चैनल ने भारत के खिलाफ इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के दो मैचों के फिक्स होने का दावा किया गया था. अल जजीरा ने साल 2018 में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रसारित की थी. 'क्रिकेट्स मैच फिक्सर्स' के नाम से प्रसारित इस फिल्म में दावा किया था कि भारत में साल 2016 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया मैच और साल 2017 में रांची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया मैच फिक्स था.
चार स्वतंत्र जांचकर्ताओं ने दी रिपोर्ट
इस मामले को लेकर आईसीसी ने चार स्वतंत्र क्रिकेटर्स और सट्टेबाजी के जानकार लोगों से जांच करवाई. आईसीसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चारो जांचकर्ताओं ने पाया कि मैच के जिस हिस्से को कथित तौर पर फिक्स कहा जा रहा था, वह पूरी तरह से प्रत्याशित था. उसे फिक्स नहीं कहा जा सकता. इस मामले को लेकर संदेह की सुई जिन क्रिकेटरों पर उठी थी उनके नामों का खुलासा आईसीसी ने नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर हसन रजा, श्रीलंका के थरंगा इंडिका और थारिंडु मेंडिस जांच में शामिल किए गए थे.
चैनल के दावे कमजोर, कोई सबूत नहीं
आईसीसी के मुताबिक इन लोगों का व्यवहार भले ही संदिग्ध हो, लेकिन उनके खिलाफ मैच फिक्सिंग से संबंधित कोई भी सबूत नहीं मिला है. आईसीसी के मुताबिक चैनल के जो दावे किए थे, वे कमजोर थे. उनकी जांच करने पर पता चला की वे विश्वसनीय नहीं थे और चारों जांचकर्ताओं की जांच में भी यही पाया गया. ऐसे में ठोस और विश्वसनीय सबूतों के अभाव में क्रिकेटर्स पर कोई मामला नहीं बनता है.
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