किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 2015 में विश्व कप के बाद अगले विश्व कप के लिए भारतीय टीम जब इंग्लैंड के लिए रवाना होगी तो उसके बल्लेबाजों से ज्यादा चर्चा उसके गेंदबाजों की होगी. यह बदलाव एक रात में नहीं हुआ है. इसमें कई साल लगे हैं और कड़ी मेहनत के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने तेज गेंदबाजों का पूल तैयार किया है.


भारतीय कप्तान विराट कोहली के पास अगर जसप्रीत बुमराह के रूप में डेथ ओवरों में विशेषज्ञ गेंदबाज है तो वहीं मोहम्मद शमी के रूप में ऐसा गेंदबाज भी है जो स्विंग के दम पर बल्लेबाजों को पैर भी नहीं हिलाने देता. इसमें हमें भुवनेश्वर कुमार को नहीं भूलना चाहिए जो शमी की तरह ही स्विंग के उस्ताद हैं. वनडे टीम के लिए कोहली इससे अच्छे तेज गेंदबाजी आक्रमण की कल्पना भी नहीं कर सकते थे.


शमी ने इंटरव्यू में कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि विश्व कप में टीम की गेंदबाजी उसकी ताकत के रूप में जानी जा रही है. भारत में अभी तक बल्लेबाजों का राज हुआ करता था, लेकिन शमी को गर्व है कि इस टीम के पास भारत का अभी तक का सबसे अच्छा तेज गेंदबाजी आक्रमण है.


शमी ने कहा, "बीते 20-30 साल में, अगर आप भारतीय क्रिकेट का इतिहास देखेंगे तो हमेशा बल्लेबाजों का दबदबा रहा है. आप इसके लिए गेंदबाजों को दोष नहीं दे सकते क्योंकि जो विकेट बनाई जाती थीं वो गेंदबाजों की मददगार नहीं होती थी. पिछले पांच-सात साल में चीजें बदलनी शुरू हुई हैं. ईमानदारी से कहूं तो इसमें एक प्रक्रिया का पालन हुआ है. यह एक रात में नहीं हुआ है. हम एक ईकाई के तौर पर काम कर रहे हैं और इससे मदद मिल रही है."


उन्होंने कहा, "अच्छी बात यह है कि वैराएटी के अलावा हमारे गेंदबाजों के पास तेजी भी है. कौशल और पेस का एक साथ होना हमारे तेज गेंदबाजी आक्रमण की विशेष पहचान है. यह एक सपने के सच होने जैसा है. मुझे इस बात पर गर्व होता है कि लोगबाग आज के दौर में हमारे तेज गेंदबाजों की बात करते हैं. यह चीज ज्यादा सुनी नहीं जाती थी, लेकिन अब यह हमारी ताकत है."


तेज गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ी चिंता चोट होती है क्योंकि गेंदबाजों को चोटें जल्दी लगती हैं. हाल ही में खत्म हुए आईपीएल में खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर काफी चर्चा हुई थी.


शमी ने कहा कि वह आईपीएल के दौरान राष्ट्रीय टीम के फीजियो पेट्रिक फरहात से लगातार संपर्क में थे.


उन्होंने कहा, "मैं ज्यादा बदलाव करने में विश्वास नहीं रखता और न ही मैं ज्यादा या कम काम करता हूं. मैं लगातार फिजियों के संपर्क में था और जो भी महसूस कर रहा था उन्हें ईमानदारी से बता रहा था. किसी भी टीम को एक खिलाड़ी के कारण भुगतना नहीं चाहिए. इसलिए मुझे लगता है कि आपके लिए जरूरी है कि आप डॉक्टर के साथ पारदर्शिता रखें ताकि उन्हें पता रहे कि आपका शरीर किस तरह से काम कर रहा है."


शमी को कुछ दिन पहले तक टेस्ट गेंदबाज के रूप में देखा जाता था लेकिन हाल ही में उन्होंने वनडे में भी अच्छा किया है.


इस पर शमी ने कहा, "मैं काफी दिनों से सीमित ओवरों की क्रिकेट खेल रहा हूं लेकिन हाल ही में हुई ऑस्ट्रेलिया सीरीज से मुझे आत्मविश्वास मिला. मैंने इसे आईपीएल में भी जारी रखा."


उन्होंने कहा, "मैं अपने मौके का इंतजार कर रहा था क्योंकि मेरा सफेद गेंद से रिकॉर्ड अच्छा है. मैं दो साल से इंतजार कर रहा था और मेरे दिमाग में यही था कि मुझे जब भी मौका मिलेगा तो मुझे उसे किस तरह से भुनाना है. मैं दिखाना चाहता था कि मैं क्या कर सकता हूं."