Glenn Maxwell: मैक्सवेल ने पैर हिलाए बिना कैसे की छक्कों की बरसात, सामने आया उनके पुराने शौक का रहस्य
AUS vs AFG: अफगानिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने चोटिल पैर के साथ, बिना पैर हिलाए छक्कों की बरसात कैसे की. आइए हम आपको इसका एक बड़ा रहस्य बताते हैं.
ICC Cricket World Cup 2023: अफगानिस्तान के खिलाफ हुए वर्ल्ड कप मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए शानदार खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने एक ऐसी पारी खेली, जिसमें क्रिकेट फैन्स अगले कई दशकों तक याद रखेंगे. उन्होंने 128 गेंदों पर 201 रनों की नाबाद पारी तब खेली, जब उनकी टीम सिर्फ 91 रनों पर ही अपने 7 विकेट गवां चुकी थी. ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ-साथ दुनियाभर के लगभग सभी क्रिकेट फैन्स को लगा कि अब ऑस्ट्रेलिया अफगानिस्तान के द्वारा दिए गए 292 रनों के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाएगी, लेकिन मैक्सवेल ने उन सभी लोगों को गलत साबित कर दिया.
मैक्सवेल अकेले दम पर मैच जिता दिया, और इस दौरान एक वक्त ऐसा आया जब मैक्सवेल के दोनों पैर में क्रैंप्स आ गए, उनके पीठ में भी क्रैंप्स आ गए. वह दौड़ना तो दूर क्रीज पर हिल भी नहीं पा रहे थे. एक वक्त तो सिंगर लेने के दौरान मैक्सवेल मैदान पर अपना संतुलन खो बैठे और गिर गए, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने सिंगल, डबल लेना बंद कर दिया और सिर्फ चौके-छ्क्कों में रन बनाने लगे.
मैक्सवेल ने बिना पैर हिलाए कैसे लगाए छक्के
एक बल्लेबाज को चौके और छक्के लगाने के लिए भी क्रीज में फुटवर्क यानी अपने पैरों को आगे या पीछे लेकर जाने की जरूरत होती है, लेकिन मैक्सवेल उस वक्त अपने पैर को जरा भी मूव कराने में सक्षम नहीं थे. उसके बाद उन्होंने बिना पैर हिलाए, अपने जबरदस्त हैंड-आई कॉम्बिनेशन की मदद से लगातार लंबे-लंबे छक्के और चौके मारने शुरू कर दिए, और इसी तरह से उन्होंने अपनी पारी का आखिरी छक्का लगाकर अपना दोहरा शतक पूरा किया, टीम को जीत दिलाई और सेमीफाइनल में भी जगह पक्की करवाई.
ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर मैक्सवेल ने बिना पैर हिलाए एक के बाद एक इतने सारे बड़े शॉट्स कैसे लगाए? अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं. दरअसल, मैक्सवेल का बचपन से गोल्फ खेलने का काफी शौक है. गोल्फ में अक्सर बिना पैर को मूव किए बड़े-बड़े पॉवरफुल शॉट्स लगाने पड़ते हैं. ऐसा माना जाता है कि गोल्फ खेलने वाले खिलाड़ियों का हैंड-आई कॉम्बिनेशन काफी शानदार हो जाता है, और ठीक ऐसा ही मैक्सवेल के साथ भी हुआ. उन्होंने अपने उसी पुराने शौक का फायदा अफगानिस्तान के खिलाफ हुए मैच में उठाया और अपने चोटिल पैरों को हिलाए बिना लंबे-लंबे छ्क्के और चौके लगाकर टीम को जीत दिला दी और वनडे इतिहास की सबसे यादगार पारी खेल दी.
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