न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहला मैच भारतीय टीम ने आसानी से जीत लिया. 204 रनों का लक्ष्य अगर एक ओवर पहले ही हासिल कर लिया जाए तो उसे आसानी से मिली जीत ही कहा जाएगा. उस पर भी जीत का अंतर 6 विकेट का हो तो जीत आसान ही है. ये अलग बात है कि दसवें ओवर में केएल राहुल और बारहवें ओवर में विराट कोहली के आउट होने के बाद एक बार के लिए मैच फंसता हुआ दिख रहा था लेकिन श्रेयस अय्यर ने परिपक्वता दिखाते हुए बाजी अपनी टीम के पक्ष में ही रखी. अब अगला मुकाबला रविवार को है. टीम इंडिया को इस पहली जीत के बाद भी जिस एक पक्ष पर सबसे ज्यादा ध्यान देना है वो है बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट. टी-20 फॉर्मेट में खिलाड़ियों की औसत से कहीं ज्यादा असर इस बात का होता है कि उन्होंने किस स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. टी-20 की टॉप टीमों के मुकाबले भारतीय टीम इसी कसौटी पर पिछड़ती है. टी-20 में आईसीसी की टॉप रैंकिंग वाली टीमों में सभी के पास 2-3 बल्लेबाज ऐसे हैं जो करीब डेढ़ सौ की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं. भारतीय टीम में ऐसे बल्लेबाजों की कमी है. केएल राहुल इस वक्त इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं जो करीब डेढ़ सौ की स्ट्राइक रेट से टी-20 मे रन बनाते हैं. वरना बाकि बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट कम है. अब तक खेले गए 38 टी-20 मैचों में केएल राहुल ने 148.27 की स्ट्राइक रेट से 1293 रन बनाए हैं.

न्यूज़ीलैंड और भारत के बल्लेबाजों की स्ट्राइक रेट

शुक्रवार को खेले गए पहले मैच की बात कर लेते हैं. न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट देखिए. मार्टिन गप्टिल ने 157.89 की स्ट्राइक रेट से 19 गेंद पर 30 रन बनाए. कॉलिन मुनरो ने 42 गेंद पर 59 रन बनाए. उनकी स्ट्राइक रेट 140.47 की थी. केन विलियम्मन ने 26 गेंद पर 196.15 की स्ट्राइक रेट से 51 रन बनाए. इसमें सबसे खतरनाक रहे रॉस टेलर. जिन्होंने 200 की स्ट्राइक रेट से 27 गेंद पर 54 रन ठोंक दिए. कॉलिन मुनरो तो इसलिए बहुत खतरनाक हैं क्योंकि उनकी करियर का स्ट्राइक रेट 160 के करीब का है. उन्होंने 61 टी-20 मैचों में 159.22 की स्ट्राइक रेट से 1605 रन बनाए हैं. शुक्रवार के मैच में टीम इंडिया ने इसलिए बाजी मारी क्योंकि श्रेयस अय्यर और केएल राहुल ने तेज गति से रन बटोर लिए. केएल राहुल ने 27 गेंद पर 56 रन बनाए और श्रेयस अय्यर ने 29 गेंद पर 58 रन बनाए. टी-20 फॉर्मेट में जीत की निरंतरता बनी रहे इसके लिए टीम इंडिया को कम से कम 2 ऐसे बल्लेबाज चाहिए होंगे जो 150 के करीब की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हों. हार्दिक पांड्या की स्ट्राइक रेट करीब 150 की है. लेकिन अनफिट होने की वजह से वो काफी समय से टीम से बाहर हैं.

दुनिया की बड़ी टी-20 टीमों में बेहतर स्ट्राइक रेट वाले बल्लेबाज

इस स्ट्राइक रेट को लेकर विराट कोहली को इसलिए रणनीति बनानी होगी क्योंकि इसी साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप खेला जाना है. दुनिया की सारी टीमें इसी की तैयारियों में लगी हैं. यूं तो विराट कोहली के पास रोहित शर्मा जैसे धुरंधर बल्लेबाज मौजूद हैं लेकिन टी-20 में लगातार जीत के लिए बेहतर स्ट्राइक रेट वाले बल्लेबाज चाहिए. ऑस्ट्रेलिया की टीम में तीन बल्लेबाज ऐसे हैं जो करीब डेढ़ सौ की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं. ग्लेन मैक्सवेल की स्ट्राइक रेट तो 160 के करीब है. एरॉन फिंच भी 156.50 की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं. डेविड वॉर्नर की स्ट्राइक रेट 140.85 की है. इंग्लैंड की टीम में जेसन रॉय हैं जो 145 के पार की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं. न्यूज़ीलैंड की टीम में भी कॉलिन मुनरो के अलावा ग्रैंडहोम जैसे बल्लेबाज हैं जिनकी स्ट्राइक रेट 150 के करीब है. भारतीय टीम के दो सबसे अनुभवी और सबसे बड़े मैच विनर यानी कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रोहित शर्मा दोनों की करियर स्ट्राइक रेट 140 से कम की है. टी-20 विश्व कप के बचे हुए आठ महीने में कप्तान विराट कोहली को अपने और रोहित के अलावा कम से कम दो बल्लेबाजों को इस तरह तैयार करना होगा जो 150 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए.