‘CWG में मेडल नहीं लाते तो सब खत्म था’, इंटरव्यू के दौरान रो पड़ीं लॉन बॉल में गोल्ड मेडल जीतने वाली महिला खिलाड़ी
कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय महिला लॉन बॉल खिलाड़ी ने अपने संघर्ष के दिनों को लेकर इंटरव्यू दिया है.
CWG Gold Medal Winners in Lawn Bowls: इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुए इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. भारतीय टीम ने इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 61 मेडल अपने नाम किए. इसमें भारत ने 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए. वहीं इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला लॉन बॉल्स की टीम ने भी शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने इस बार दमदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. लॉन बॉल्स में लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी साकिया ने गोल्ड पर अपना कब्जा जमाया था.
लोग कहते थे चेहरा देखकर सेलेक्शन हुआ
लॉन बॉल्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम ने इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू के दौरान खिलाड़ी अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए रो पड़ीं. इंटरव्यू में रोते हुए लवली चौबे ने कहा कि मुझे यहां तक पहुंचने के लिए लोगों के बहुत ताने सुनने पड़े. लोग कहते थे मेरा सेलेक्शन चेहरा देखकर हुआ है. वहीं खिलाड़ी रूपा रानी ने कहा कि हमने जो ताने सुने हैं. उन्हें शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं.
रूपा रानी ने कहा कि हम चारों खिलाड़ी चार अलग-अलग खेल से थे. मगर जब हम साथ आएं तो हम गोल्ड जीत गए. हमने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत आलोचनाएं झेली हैं. अगर हम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल नहीं लाते तो शायद हमारे गेम को अगले लेवल तक नहीं ले जा पाते.
कहां की हैं चारों महिला लॉन बॉल प्लेयर
लॉन बॉल में गोल्ड मेडल जीतने वाली महिला खिलाड़ी अलग-अलग राज्य से हैं. इसमें लवली चौबे झारखंड के रांची से आती हैं. वह झारखंड पुलिस कॉन्स्टेबल हैं. वहीं नयनमोनी साकिया असम की गोलघाट से हैं. वह असम के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में नौकरी करती हैं. वही पिंकी दिल्ली की रहने वाली हैं. वह एक स्कूल में बतौर फिजिकल टीचर के तौर पर कार्यरत हैं. वहीं रूपा भी झारखंड की रहने वाली है. वह यहां जिला स्पोर्स्ट ऑफिसर हैं.
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