क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है. इस खेल में रिकॉर्ड्स बनते और टूटते रहते हैं, लेकिन कुछ रिकॉर्ड होते हैं, जो सालों-साल नहीं टूटते. क्रिकेट इतिहास में कुछ कार्तिमान तो ऐसे भी हैं, जिन्हें अब किसी के लिए भी तोड़ना नामुमकिन नज़र आता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ रिकॉर्ड्स के बारे में बताने जा रहे हैं.


टेस्ट में टॉप पर हैं ब्रैडमैन


सर डॉन ब्रैडमैन का नाम कौन नहीं जानता? टेस्ट क्रिकेट में उनकी औसत 99.94 का है. इस औसत के रिकॉर्ड को शायद ही कोई तोड़ पाए, लेकिन इसके अलावा भी सर डॉन ब्रैडमैन के नाम एक कीर्तिमान है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.


1930 में एशेज़ सीरीज़ के दौरान ब्रैडमैन ने 974 रन बनाए थे जिसे तोड़ने के करीब भी कोई नहीं पहुंचा है. उसके बाद से एक सीरीज़ में 800 या उससे ज्यादा रन 7 बल्लेबाज़ों ने बनाए जिसमें से दो बार खुद ब्रैडमैन ही थे लेकिन वो भी अपने रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब नहीं पहुंच पाए.


आखिरी बार 1989 में मार्क टेलर के 839 रन एक सीरीज़ में 800 का आंकड़ा पार करने वाली सीरीज़ थी. हम क्यों कह रहे हैं कि मॉर्डन डे क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज़ के लिए ये रिकॉर्ड तोड़ पाना नामुमकिन है? उसका बड़ा ही सीधा सा जवाब है कि मौजूदा दौर में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ बहुत कम देखने को मिलती है. ऐसी स्थिति में इस रिकॉर्ड को तोड़ना किसी भी बल्लेबाज़ के लिए दूर की कौड़ी नज़र आती है.


कौन लेगा एक टेस्ट में सभी विकेट?


किसी एक टेस्ट मैच में सबसे अधिक विकेट चटकाने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के क्रिकेटर जिम लेकर के नाम है. लेकर ने एक मैच में एक पारी में 10 और एक में 9 विकेट लिए थे. इसका मतलब उन्होंने एक टेस्ट मैच में 19 विकेट लिए थे.


जिम लेकर के अलावा भारतीय स्पिनर अनिल कुंबले एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने पारी में 10 विकेट लेने का कीर्तिमान बनाया है. कुंबले ने फरवरी 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर मैच की चौथी पारी में सभी 10 विकेट लिए थे. अब अगर किसी को भी जिम लेकर का रिकॉर्ड तोड़ना है, तो उसे टेस्ट मैच में सभी 20 विकेट लेने होंगे. जो कि एक नामुमकिन सा काम ही लगता है.


एक दिन में दो-दो हैट्रिक


टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की क्रिकेट इतिहास में एक खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने एक ही दिन में दो-दो हैट्रिक ली हैं. ऑस्ट्रेलिया के टीजे मैथ्यूज़ ने एक ही टेस्ट में दो-दो हैट्रिक ली. ये अपनी आप में एक रिकॉर्ड हैं. ये दोनों हैट्रिक अलग-अलग पारियों में जरुर आईं, लेकिन उससे भी चौंकाने वाली बात ये हैं कि दोनों हैट्रिक एक ही दिन ली गई. अब आप ही बताइए इस रिकॉर्ड को कई तोड़ सकता है क्या?


सचिन से भी बड़ा करियर


सचिन तेंदुलकर का करियर 24 साल का रहा है. उन्होंने 1989 से 2013 तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला लेकिन इसके बावजूद भी सचिन विल्फ्रेड रोड्स का रिकॉर्ड नहीं तोड़ सके. विल्फ्रेड रोड्स का क्रिकेट करियर 30 साल का रहा. रोड्स ने अपने पहला टेस्ट 1899 में खेला और उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 1930 में खेला था.


58 टेस्ट खेलने वाले रोड्स की उम्र अपने आखिरी मैच में 53 साल थी. मार्डन-डे क्रिकेट में खिलाड़ी टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेट खेलना चाहते हैं, तो ऐसे में इतने लंबे समय तक खेलना किसी भी खिलाड़ी के बस की बात नहीं लगती.


49 की उम्र में टेस्ट डेब्यू


आजकल के दौर में खिलाड़ी जहां खिलाड़ी 40 साल के होते ही रिटायरमेंट ले लेते हैं, वहां कोई 49 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू के बारे में कैसे सोचेगा? लेकिन 1877 में ऐसा हुआ था जब पहली बार इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट खेला था तो एक अंग्रेज़ खिलाड़ी की उम्र 49 साल 119 दिन थी. पिछले 30 सालों में साउथ अफ्रीका के ओमार हेनरी ही 40 साल की उम्र में पहला टेस्ट खेले औऱ उसकी वज़ह थी साउथ अफ्रीका का कई दशक के बाद टेस्ट क्रिकेट में लौटना. अब तो आप ये सोच भी नहीं सकते कि ऐसा होगा कि कोई खिलाड़ी 49 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू करेगा.