Rohit Sharma: 2019 वाले फेज में जाना चाहते हैं रोहित शर्मा, एशिया कप और वर्ल्ड कप को लेकर दिया बड़ा बयान
Rohit Sharma: भारतीय टीम 2023 वनडे वर्ल्ड कप को जीतकर आईसीसी ट्रॉफी जीतने के 10 साल के सूखे को खत्म करना चाहेगी.
Rohit Sharma Statement in Hindi: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने एशिया कप के लिए श्रीलंका रवाना होने से पहले बड़ा बयान दिया है. हर तरफ रोहित शर्मा के बयान के चर्चे हो रहे हैं. आइये डिटेल में हिटमैन ने क्या कुछ कहा है.
श्रीलंका रवाना होने से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, "मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मैं खुद को सहज रखूं और उन बाहरी तत्वों के बारे में चिंता नहीं करूं जो सकारात्मक या नकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं. मैं उस फेज में जाना चाहता हूं जिसमें मैं 2019 विश्व कप से पहले था. मैं मानसिक रूप से काफी अच्छी स्थिति में था और टूर्नामेंट के लिए काफी अच्छी तैयारी की थी."
हिटमैन ने आगे कहा, "मैं अच्छी लय और मानसिकता में था. मैं इसे वापस लाना चाहता हूं और मेरे पास ऐसा करने के लिए समय है. उन सही चीजों को दोहराने की कोशिश कर रहा हूं, जो एक क्रिकेटर और एक व्यक्ति के रूप में 2019 विश्व कप से पहले मैं कर रहा था."
विश्व कप का नतीजा काफी चीजें बदल सकता है, लेकिन रोहित ने कहा कि एक महीने का क्रिकेट जो खिलाड़ी वह हैं उसे बना या बिगाड़ नहीं सकता. भारतीय कप्तान ने कहा, एक व्यक्ति अपनी सफलता या विफलता से रातों रात बदल नहीं सकता है. मुझे नहीं लगता कि एक नतीजा या एक चैंपियनशिप एक व्यक्ति के रूप में मुझे बदल सकती है. मैं एक व्यक्ति के रूप में पिछले 16 साल में नहीं बदला हूं. मुझे नहीं लगता कि इसमें किसी बदलाव की जरूरत है.
रोहित ने कहा, "ध्यान इस पर रहेगा कि अगले दो महीनों मैं अपने और टीम के लिए अपने लक्ष्यों को कैसे हासिल कर सकता हूं. कोई व्यक्ति एक या दो महीने में बदल नहीं सकता."
रोहित ने इंडियन प्रीमियर लीग की टीम मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में पांच खिताब जीते हैं जबकि भारतीय कप्तान के रूप में उन्होंने 2018 में एशिया कप खिताब जीता. इस साल जून में उनकी अगुआई में टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी खेली.
यह पूछने पर कि क्या 16 साल तक खेलने के बाद वह भारतीय क्रिकेट में अपनी विरासत के बारे में सोचते हैं. इस बारे में रोहित ने कहा, नहीं. मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जो यह सोचता हो कि मैं अपने पीछे किस तरह की विरासत छोड़ूंगा. मेरी विरासत लोगों के मूल्यांकन और चर्चा के लिए होगी. मेरे कहने के लिए नहीं.
रोहित ने 30 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय, 10 टेस्ट और चार टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक की मदद से 17000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं. उन्होंने कहा, मैं संख्या में अधिक विश्वास नहीं रखता. आपको खुश रहना चाहिए और आने वाले समय का लुत्फ उठाना चाहिए. इस तरह के लम्हें में रहने का प्रयास करो. मैं इस बारे में सोच रहा कि मुझे किस चीज से खुशी मिलेगी.
रोहित के सामने अब कोर समूह में शामिल 18 खिलाड़ियों में से कम से कम तीन को यह कहने की मुश्किल चुनौती है कि वे विश्व की 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं होंगे. रोहित जब 23 साल के थे तो उन्हें भी 2011 की विश्व कप चैंपियन टीम में जगह नहीं मिली थी. टीम में नहीं होने की पीड़ा को उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता.
इस बारे में उन्होंने कहा, सर्वश्रेष्ठ संयोजन चुनते हुए ऐसे खिलाड़ी होंगे जो विभिन्न कारणों से टीम में जगह नहीं बना पाएंगे और राहुल भाई (द्रविड़) और मैंने खिलाड़ियों को समझाने का सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है कि वे टीम का हिस्सा क्यों नहीं हैं. कभी-कभी मैं उनकी जगह स्वयं का रखने की कोशिश करता हूं. जब मुझे 2011 में नहीं चुना गया था, यह मेरे लिए दिल तोड़ने वाला लम्हा था और मुझे पता है कि विश्व कप टीम से बाहर होने के बाद कैसा लगता है.
रोहित को यह स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है कि कभी-कभी उनके और द्रविड़ के फैसले गलत भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा, मैं, कोच और चयनकर्ता सभी पहलुओं पर ध्यान देते हैं, जैसे विरोधी टीम, सतह, हमारा मजबूत पक्ष, उनकी कमजोरियां और फिर सहमति बनाते हैं. पूरी संभावना है कि हम हर समय परफेक्ट नहीं हों.
भारतीय कप्तान ने कहा, अंत में कुछ व्यक्ति फैसला करते हैं और इंसान के रूप में हम गलतियां कर सकते हैं। हम हमेशा सही नहीं होंगे. विश्व कप 2011 की टीम में जगह नहीं मिलने के बाद किसने उन्हें सांत्वना दी थी यह पूछे जाने पर रोहित ने कहा, मैं दुखी था और अपने कमरे में बैठा था. मुझे याद है कि युवी (युवराज सिंह) ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मुझे डिनर पर ले गया.
उन्होंने आगे कहा, उन्होंने मुझे बताया कि टीम में जगह नहीं मिलने पर कैसा महसूस होता है. उन्होंने मुझे कहा, सर्वश्रेष्ठ चीज यह है कि तुम्हारे सामने इतने वर्ष पड़े हैं. जब हम इस विश्व कप में खेलेंगे तो तुम इस मौके का इस्तेमाल अपने खेल और कौशल पर कड़ी मेहनत करने और टीम में वापसी करने के लिए कर सकते हो. ऐसा कोई कारण नहीं है कि तुम भारत के लिए नहीं खेलो या तुम्हें विश्व कप में खेलने का मौका नहीं मिले.
तब 2011 में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और चनकर्ताओं ने सोचा था कि अतिरिक्त बल्लेबाज से अधिक उपयोगी पीयूष चावला के रूप में कलाई का अतिरिक्त स्पिनर होगा. वर्षों से अगर कोई शॉट रोहित की पहचान बना है तो वह पुल शॉट है जिसे खेलने में उन्हें सफलता मिलती है लेकिन कई बार उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है.
रोहित ने पूछा गया कि उन्हें थ्रोडाउन विशेषज्ञों के खिलाफ नेट पर पुल शॉट का कितना अभ्यास किया तो उन्होंने कहा, उस शॉट को खेलने के लिए मुझे कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ता. उन्होंने तीन सहयोगी स्टाफ सदस्यों का जिक्र करते हुए कहा, रघु (राघवेंद्र), नुवान (सेनाविरत्ने) और दया (गरानी) सभी हाल के वर्षों में टीम से जुड़े हैं और मैं लंबे समय से यह शॉट खेल रहा हूं.