भारतीय क्रिकेट टीम ने नए साल की शुरुआत ऐतिहासिक जीत के साथ की है. आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई चार टेस्ट मैचों की सीरीज को भारत ने 2-1 से अपने नाम कर नया इतिहास रचा है. भारतीय टीम ने 71 साल बाद आस्ट्रेलिया को उसी के घर में खेली गई टेस्ट सीरीज में पहली बार हराकर अपने प्रशंसकों को नए साल पर ऐतिहासिक जीत का तोहफा दिया है.


बारिश की दखल के कारण सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर दोनों टीमों के बीच खेला गया चौथा और आखिरी टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया और भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई चार टेस्ट मैचों की सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर पहली बार मेजबान टीम को उसी के घर में शिकस्त देकर जीत का डंका बजाया है.


लेकिन इस जीत के बाद टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ऐसा बयान दे दिया जिसमें उन्होंने उन पुरानी भारतीय टीमों पर निशाना साधा है जिसमें लिजेंड क्रिकेटर्स थे.


1990 और 2000 के दशक में भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे. लेकिन कोई भी टीम ऑस्ट्रेलिया में जीत दर्ज नहीं कर सकी. लेकिन अब रवि शास्त्री ने इस टीम के इतिहास रचने के बाद कहा, 'ये टीम कोई भगवान या देवताओं की टीम नहीं है, और ना ही इस टीम में कोई सीनियर या जूनियर है. बल्कि ये एक ऐसी भारतीय टीम है जो कि कहीं ये भी आकर सीधे देश के लिए मैच जीतना चाहती है. ये उनका दृढ़ निश्चिय है. इस सोच के साथ ये टीम इस सीरीज़ में खेली. इसलिए मुझे अपने लड़कों पर गर्व है.' 


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भगवान या देवताओं वाली बोलकर रवि शास्त्री ने बिना नाम लिए ही सही उन पुरानी टीमों पर निशाना साधा है जिनमें सचिन तेंदुलकर जैसे लिजेंड खिलाड़ी शामिल थे. क्रिकेट के क्षेत्र में सभी इस बात को अच्छे से जानते हैं कि क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर को ही माना जाता है.


इसके साथ ही शास्त्री ने ये भी कहा कि 'इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि अब इस टीम के पास अपनी एक पहचान है. जो कि पिछली किसी भी भारतीय टीम से आंखों में आखें डालकर ये कह सके कि हमने बेहतरीन टेस्ट मैच क्रिकेट खेला. आपने किया, हमने भी करके दिखाया.'


कोच रवि शास्त्री ने इस जीत को विश्वकप 1983 से भी बड़ा बताया. इतना ही नहीं उन्होंने इस जीत के लिए कप्तान विराट कोहली को सेल्यूट तक कर दिया.