नई दिल्लीः चोट के कारण कुछ सालों तक क्रिकेट से दूर रहे तेज गेंदबाज कमलेश नागरकोटी ने आईपीएल के 10 मैच खेलकर खुद को शीर्ष स्तर के लिए तैयार किया है. खासकर आस्ट्रेलिया के बेहतरीन गेंदबाज पैट कमिंस से मिली सीख की बदौलत. आईपीएल के 13वें सीजन में दोनों ही गेंदबाज कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेले थे. कुछ दिनों में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के लिए रवाना होने वाले नागरकोटी ने जयपुर से न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, "शुरुआत में थोड़ी घबराहट थी, क्योंकि मैं लंबे समय बाद खेल रहा था. मैं बड़े मंच पर खेल रहा था और मेरे ऊपर दबाव था, लेकिन मैंने अनुभवी खिलाड़ियों से बात की थी कि दबाव को कैसे कम किया जाता है और कैसे इससे बाहर निकला जाता है."
नागरकोटी ने खासतौर पर कमिंस से इस बात पर सलाह ली कि चोट के दौरान मानसिकता किस तरह की रखनी चाहिए. 27 साल के कमिंस को भी अपने करियर की शुरुआत में चोटें लगी थीं. 2011 में पदार्पण करने के बाद कमिंस ने पांच साल बाद 2017 में वापसी की थी. नागरकोटी ने कहा, "मैंने कमिंस से पूछा था कि उन्होंने चोट के समय को कैसे गुजारा था. उन्होंने मुझसे कहा था कि ऐसा कभी नहीं होगा कि तुम हमेशा फिट रहो, लेकिन जब यह चोट की स्थिति आती है, तब सबसे अहम होता है कि आप किस तरह से सकारात्मक रहते हैं. उन्होंने कहा था कि अगर आपको उच्च स्तर पर क्रिकेट खेलनी है तो, मायने नहीं रखता कि आप जीवन में किस तरह की स्थिति का सामना करते हो, आपको सकारात्मक रहना होगा. मुझे कमिंस से मिलकर सकारात्मक महसूस हुआ और यह शानदार था."
नागरकोटी ने कहा कि आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज और बाकी के अन्य सीनियरों ने उन्हें तैयारी करने में मदद मिली. कमिंस से एक और चीज जो नागरकोटी ने सीखी वो थी मुश्किल स्थिति में स्टॉक डिलीवरी. नागरकोटी की स्टॉक डिलीवरी गुड लैंग्थ से आउट स्विंगर है. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट इसी गेंद पर लिए हैं. उन्होंने कहा, "कमिंस ने मुझसे कहा था कि मुझे आत्मविश्वास हासिल करने और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए स्टॉक गेंद करनी होगी. यह वो गेंद है जिस पर मैं ज्यादा रन नहीं गंवाता. इसलिए यह हमेशा मेरे दिमाग में रहता है. आप जब भी रन लुटाए तो आपको स्टॉक गेंद का इस्तेमाल करें."
आईपीएल में नागरकोटी ने 10 मैचों में पांच विकेट ही लिए. उन्होंने कहा कि बेशक उन्हें ज्यादा विकेट नहीं मिले हों, लेकिन वह भविष्य में अच्छा करेंगे. चोट से वापसी करने के बाद उन्होंने डीवाई पाटिल टूर्नामेंट भी खेला. उन्होंने कहा, "मैंने ज्यादा विकेट नहीं लिए, लेकिन अगली बार जब मुझे मौका मिलेगा तो मुझे पता है कि विकेट कैसे निकालने हैं और मुझे किस तरह की गेंदें डालनी हैं. मैं अलग-अलग तरह की गेंदें डालना भी सीख रहा हूं. इस समय मैं धीरे-धीरे अपने काम को बढ़ा रहा हूं. आईपीएल से पहले में चार ओवर फेंकता था जिसमें टी-20 के हिसाब से गेंदें जैसे यॉर्कर शामिल रहती थीं लेकिन अब मैं एक दिन में आठ से 10 ओवर डाल रहा हूं.”