इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को ध्यान में रखते हुए भारतीय कप्तान विराट कोहली ने काउंटी क्रिकेट को तरजीह दी और अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट से खुद को अलग रखा. उनकी जगह अजिंक्य रहाणे टीम की कमान संभालेंगे. कोहली के इस निर्णय को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी समर्थन किया.
बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने आलोचकों से आग्रह किया कि अफगानिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट नहीं खेलने को लेकर विराट कोहली की खिंचाई करने की बजाय यह समझे कि वह इंग्लैंड दौरे पर अच्छे प्रदर्शन के लिए ऐसा कर रहे हैं. आपको बता दें कि कोहली जून में अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट की बजाय सर्रे के लिए काउंटी क्रिकेट खेलेंगे.
हालाकि कोहली के निर्णय पर पहला बड़ा हमला ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने किया है. ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप विजेता कप्तान माइकल क्लार्क ने बुधवार को कहा कि वह विराट कोहली के अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले एक मात्र टेस्ट से अपना नाम वापस लेने से हैरान हैं.
इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड यंग लीडर्स फोरम द्वारा आयोजित कराए गए एक कार्यक्रम में क्लार्क ने कहा, "मैं काफी हैरान हूं. टेस्ट मैच, टेस्ट मैच है. मैं नहीं जानता कि आप किस टीम के खिलाफ खेल रहे हो. यह आपकी पहली प्राथमिकता होना चाहिए."
कोहली को अलग रणनीति बनाने की सलाह देते हुए कहा क्लार्क ने कहा, "मुझे अभी भी लगता है कि विराट वो हासिल कर सकते हैं जो चाहते हैं और सर्रे के लिए कुछ मैच खेल सकते हैं और उसके बाद टेस्ट मैच खेलने के लिए वापस आ सकते हैं."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कार्यक्रम में अंतर है जो उन्हें ऐसा करने का मौका दे सकता है. कुछ वनडे मैच उन्हें सर्रे के लिए छोड़ने पड़ सकते हैं."
2015 में ऑस्ट्रेलिया को पांचवीं बार विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान ने कहा, "मैंने अपने पूरे करियर में अपने देश के लिए खेलने को प्राथमिकता दी है. मुझे फ्रेंचाइजियों और बाकी टीमों से जो मौके मिले उन्हें मैंने जाने दिया. मेरे लिए अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए पूरे विश्व में बेहद जरूरी है. यह पहली प्राथमिकता होनी चाहिए."