पुणे: विजय रथ पर सवार भारतीय क्रिकेट टीम गुरुवार को महाराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम (एमसीए) में आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला का पहला मैच खेलने उतरेगी, जहां उसकी कोशिश अपने अपराजित क्रम को बरकरार रखने की होगी. स्टीव स्मिथ की कप्तानी वाली आस्ट्रेलियाई टीम के लिए यह मैच भारतीय चुनौती की शुरुआत है. वह अपने आप को हर मोर्चे पर बेहतर साबित कर क्रिकेट पंडितों के उसको कमजोर आंकने वाले बयानों को गलत साबित करना चाहेगी.
स्मिथ के लिए यह किसी भी तरह से आसान नहीं होगा. विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम शानदार फॉर्म में है और पिछले 19 मैचों से अपराजित है. इस टीम को हराना इस समय बेहद मुश्किल समझा जा रहा है, खासकर घर में. मेहमानों के लिए इस दौरे पर सबसे बड़ी चिंता स्पिन के खिलाफ पैर जमाने की है. हाल के समय में टीम इसमें अधिक सफल नहीं रही थी.
भारत ने इस सत्र में न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और बांग्लादेश को हराया है. इससे पहले भी वह वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका को हरा चुका है.
इन सभी जीतों में टीम के कप्तान विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन का बेहद अहम योगदान रहा है. विराट कोहली इस समय शानदार फॉर्म में हैं और पिछली श्रृंखलाएं इसका उदाहरण हैं. वह लगातार बल्ले से रन बनाते हुए टीम को जीत दिलाते जा रहे हैं. बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने एकमात्र टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़ा था. वह लगातार चार श्रृंखलाओं में चार दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं.
अश्विन इस दौरान भारत के सबसे सफल गेंदबाज बनकर उभरे हैं. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 250 विकेट पूरे किए. वह टेस्ट इतिहास में सबसे तेजी से इस मुकाम को पाने वाले गेंदबाज हैं. अश्विन का रवींद्र जडेजा ने भी बखूबी साथ दिया है और लगातार विकेट लिए हैं. यह दोनों गेंदबाज टेस्ट रैंकिंग में पहले और दूसरे स्थान पर हैं.
आस्ट्रेलिया को अगर भारत में जीत हासिल करनी है तो इन तीनों खिलाड़ियों पर जरूर नकेल कसनी होगी. लेकिन, भारतीय टीम की अच्छी बात यह रही है कि टीम कुछ ही खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं है. सभी खिलाड़ियों को जब मौका मिला है, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है.
बल्लेबाजी में मुरली विजय, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इन सभी ने पिछली श्रृंखलाओं में अच्छे रन किए हैं. गेंदबाजी में भी जिसको मौका मिला है, उसने अच्छा प्रदर्शन किया है.
पहले मैच की पिच स्पिनरों की मददगार हो सकती है और इसी को ध्यान में रखते हुए कोहली तीन स्पिन गेंदबाजों के साथ जा सकते हैं. जयंत यादव ने मौका मिलने पर शानदार प्रदर्शन किया था इसलिए वह टीम में अश्विन और जडेजा के बाद तीसरे स्पिन गेंदबाज के लिए प्राथमिक विकल्प हैं. जयंत अच्छे बल्लेबाज भी हैं और यह उनकी अंतिम एकादश की दावेदारी को और मजबूत करता है.
आस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी मुख्यत: कप्तान स्मिथ और उप-कप्तान डेविड वार्नर पर निर्भर होगी. मैट रेनशॉ, पीटर हैंड्सकॉम्ब और शॉन मार्श पहली बारी भारत में टेस्ट खेल रहे हैं.
गेंदबाजी में नाथन लॉयन पर सबकी नजरें होंगी. वह टीम के मुख्य स्पिन गेंदबाज हैं. दूसरे स्पिनर के तौर पर स्टीवन ओ कैफे का खेलना तय माना जा रहा है. मेहमान टीम अगर तीन स्पिन गेंदबाजों के साथ उतरने की सोचती है, तो फिर एश्टन अगर और ग्लैन मैक्सवेल में से किसी को मौका मिल सकता है.
आस्ट्रेलिया को भारत में पिछली बार 2004-05 की श्रृंखला में जीत मिली थी. भारत में 2013 में खेली गई श्रृंखला में भी उसे हार मिली थी. एशिया में आस्ट्रेलिया का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. उसने इससे पहले श्रीलंका में टेस्ट श्रृंखला खेली थी जहां 0-3 से उसे हार मिली थी. उस श्रृंखला में भी आस्ट्रेलिया को स्पिन गेंदबाजों ने खासा परेशान किया था.
टीमें:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, इशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, करुण नायर, जयंत यादव, कुलदीप यादव, अभिनव मुकुंद और हार्दिक पंड्या.
आस्ट्रेलिया टीम: स्टीव स्मिथ (कप्तान) डेविड वार्नर, एश्टन अगर, जैक्सन बर्ड, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जोस हैजलवुड, उस्मान ख्वाजा, नाथन लॉयन, मिशेल मार्श, शॉन मार्श, ग्लैन मैक्सवेल, स्टीवन ओ कैफे, मैथ्यू रेनशॉ, मिशेल स्टार्क, मिशेल स्वेपसन, मैथ्य वेड (विकेटकीपर).