IND vs AUS: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी द्वारा इंदौर की पिच को दी गई "खराब" रेटिंग के खिलाफ औपचारिक रूप से विरोध किया है। बीसीसीआई के एक अधिकारी द्वारा हाल ही में भेजे गए एक औपचारिक पत्र में, बीसीसीआई ने आईसीसी से मांग की है कि इंदौर के होल्कर स्टेडियम की पिच को खराब बताने वाले मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड का रिव्यू किया जाए. बीसीसीआई का कहना है कि मैच रेफरी ने इंदौर की पिच को रेटिंग देने में काफी जल्दबाजी की है.
दरअसल, क्रिस ब्रॉड द्वारा दी गई खराब रेटिंग की वजह से आईसीसी ने इंदौर पिच को 3 डिमैरिट पॉइंट्स दे दिए हैं, जो पांच साल के रोलिंग पीरियड के लिए मान्य होगा. इंदौर में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच खेला गया था, जो मात्र 2.5 दिन में खत्म हो गया था और भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट से हरा दिया था।
बीसीसीआई ने आईसीसी से की अपील
इस मैच के खत्म होने के तुरंत बाद मैच रेफरी ने इसे खराब रेटिंग दे दी और आईसीसी ने इंदौर पिच को 3 डिमेरिट पॉइंट्स दे दिए. नियमानुसार अगर आईसीसी किसी पिच को 5 डिमेरिट पॉइंट्स देती है, तो वह स्टेडियम अगले 12 महीनों तक किसी भी अंततराष्ट्रीय मैच को होस्ट नहीं कर सकता है. वहीं, अगर किसी पिच को 10 डिमेरिट पॉइंट्स मिल जाते हैं तो वो स्टेडियम अगले 24 महीनों तक किसी अंततराष्ट्रीय मैच को होस्ट नहीं कर सकता है.
इसी चिंता की वजह से बीसीसीआई ने आईसीसी से अपील की है कि वह इंदौर मैच रेफरी का रिव्यू करें क्योंकि उन्होंने काफी जल्दबाजी में इंदौर के पिच को खराब रेटिंग दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई ने दलील दी है कि पिच पर मैच रैफरी का फैसला टेस्ट समाप्त होने के कुछ ही घंटे बाद आया, जो आईसीसी द्वारा ऐसे मामलों में असामान्य था। ऐसे में बीसीसीआई के अधिकारियों को लगता है कि इस फैसले को लेकर आईसीसी मैच रेफरी के फैसले का रिव्यू कर सकती है और अगर संभव हो तो मैच रेफरी के इस फैसले को औसत से नीचे का स्तर बता सकती है. बीसीसीआई के अपील करने के बाद अब आईसीसी की दो सदस्यीय टीम इस मामले की जांच करेगी.