IND vs AUS Umpiring DRS Controversy: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का दूसरा टेस्ट मैच एडिलेड में खेला जा रहा है. दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन अंपायरिंग को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. एक बार फिर स्निको तकनीक विवादों में आ गई. यह विवाद ऑस्ट्रेलिया की पारी के 58वें ओवर में तब सामने आया जब रविचंद्रन अश्विन की गेंद मिशेल मार्श के पैड पर लगी. अश्विन ने जोरदार अपील की, लेकिन फील्ड अंपायर ने इसे नकार दिया. इसके बाद डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का सहारा लिया गया और तीसरे अंपायर रिचर्ड केटलबोरो को इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं मिले कि गेंद पहले बल्ले से लगी या पैड से. नतीजतन, मैदानी अंपायर का 'नॉट आउट' का फैसला बरकरार रहा और भारत ने अपना रिव्यू गंवा दिया.


निर्णय के बाद दिखा नया एंगल
रिव्यू में अल्ट्रा-एज तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जो भारत के खिलाफ गया. विराट कोहली ने भी मैदान पर इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी. मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. फैसले के कुछ देर बाद ही नया एंगल दिखाया गया, जिसमें साफ दिख रहा था कि गेंद पहले पैड पर लगी थी. इससे विवाद और गहरा गया. उस समय कमेंट्री कर रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने भी सवाल उठाया कि यह बेहतर एंगल पहले क्यों नहीं दिखाया गया. उन्होंने कहा, "सही जानकारी निर्णय से पहले उपलब्ध होनी चाहिए."






बॉल-ट्रैकिंग से यह भी स्पष्ट हुआ कि गेंद स्टंप्स को हिट कर रही थी, लेकिन इंपैक्ट 'अंपायर कॉल' पर था. थर्ड अंपायर ने ऑन-फील्ड अंपायर के निर्णय को पलटने के लिए कोई ठोस आधार न होने की वजह से इसे बरकरार रखा.


गावस्कर ने दी अपनी राय
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "अगर बल्लेबाज तीन मीटर से ज्यादा दूर है, तो उसे आम तौर पर नॉट आउट दिया जाता है. यहां सवाल यह था कि गेंद पहले बल्ले से लगी या पैड से. टीवी अंपायर के पास मैदानी अंपायर के फैसले को पलटने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे."


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