ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडीलेड में खेले गये पहले टेस्ट की शर्मनाक हार के बाद बॉक्सिंग डे मैच से भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभालने वाले उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि मेलबर्न में खेले गये दूसरे टेस्ट की उनकी शतकीय पारी बेहद खास रहेगी, क्योंकि इससे सीरीज में जीतने का रास्ता खुला. हालांकि, बॉक्सिंग डे टेस्ट में 112 रन बनाने के बाद रहाणे ने कहा था कि लॉर्ड्स मैदान (17 जुलाई 2014) पर खेली गयी शतकीय पारी उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है.


इस 32 साल के खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें मेलबर्न की अपनी पारी के महत्व के बारे में तब पता नहीं चला था, जिसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की 2-1 सीरीज जीत की नींव रखी थी. रहाणे ने ‘स्पोर्ट्स टुडे’ से कहा, ‘‘मेरे लिये यह जरूरी है कि जब मैं रन बनाऊ तो टीम जीत हासिल करे. मुझे लगता है कि वह पारी मेरे लिए वास्तव में कुछ खास है. मेरे लिये टेस्ट मैच और सीरीज जीतना उपलब्धियों के बजाय प्राथमिकता है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हां, मेलबर्न टेस्ट शतक वाकई खास था. मैंने मेलबर्न में कहा कि लॉर्ड्स का शतक मेरे लिए सबसे खास है लेकिन कई लोगों ने मुझे बताया कि मेलबर्न की शतकीय पारी लॉर्ड्स से बेहतर थी.’’


रहाणे ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता था कि मैं इस पर कैसे प्रतिक्रिया दूं. लेकिन अब मुझे अहसास हुआ, एडीलेड टेस्ट मैच के बाद की परिस्थितियों को देखते हुए, मेलबर्न टेस्ट सीरीज के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण था और हां, मुझे लगा कि मेलबर्न की पारी वास्तव में विशेष थी.’’


भारतीय टीम एडीलेड में टेस्ट की दूसरी पारी में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर ऑलआउट हो गयी थी और ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट से मैच जीतकर चार मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी.


इसके बाद कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर जबकि मोहम्मद शमी चोटिल होने के बाद स्वदेश लौट आये थे. इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में रहाणे ने शतकीय पारी खेलकर टीम का शानदार नेतृत्व किया.


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