India vs Australia: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जारी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को भारतीय खिलाड़ियों पर हुई नस्लीय टिप्पणी को बेहद शर्मनाक करार दिया है. उन्होंने साथ ही कहा कि ऑस्ट्रेलिया में ऐसा होते हुए देखना बहुत दुखद है. लैंगर ने साथ ही अपने कप्तान टिम पेन की भी सराहना की, जिन्होंने चायकाल के समय भारतीय ड्रेसिंग रूम में जाकर भारतीय टीम से बातचीत की और उनका समर्थन किया.


भारतीय टीम ने मैच रेफरी डेविड बून से तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद नस्लीय टिप्पणियों को लेकर शिकायत की थी. चौथे दिन मैच अधिकारी और स्टेडियम के अधिकारी चौकन्ने थे. चौथे दिन जब मोहम्मद सिराज ने इस मामले को लेकर एक बार फिर शिकायत दर्ज कराई तो खेल रोक दिया गया और सुरक्षा अधिकारियों ने छह लोगों को मैदान से बाहर भेज दिया. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस घटना के लिए आधिकारिक रूप से मांफी मांगी और उसने मामले की जांच शुरू कर दी है.


लैंगर ने चौथे दिन की खेल समाप्ति के बाद कहा, "चायकाल के समय हमने उनसे बातचीत की. मेजबान होने के नाते हम अपने मेहमान के साथ बुरा व्यव्हार होते नहीं देखना चाहते. इसके विभिन्न स्तर हैं. जब हम पिछले साल इंग्लैंड गए थे, तो हमारे कुछ खिलाड़ियों को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था. अब भी कुछ नहीं बदला है."


उन्होंने आगे कहा, "यह देखकर अच्छा लगा कि आज जब यह घटना घटी तो टिम उनके (भारतीयों) पास पहुंचे. यह बहुत अच्छा व्यवहार था. क्रिकेट का खेल हमेशा बहुत प्रतिस्पर्धा के साथ खेला जाएगा, लेकिन दोनों टीमों की एक दूसरे के प्रति अच्छी भावनाएं हैं."


लैंगर ने आगे कहा, "यह हताशा भरा और निराशाजनक है. जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि मैंने पहले भी कहा था कि मुझे इससे नफरत है कि लोग पैसे देकर क्रिकेट या किसी अन्य खेल को देखने आते हैं और सोचते हैं कि वे अपशब्दों का इस्तेमाल या इस तरह की चीजें कर सकते हैं."


उन्होंने कहा, "एक खिलाड़ी के रूप में मैं इससे नफरत करता था. एक कोच के रूप में इससे नफरता करता हूं, हमने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ऐसा देखा है और ऑस्ट्रेलिया में ऐसा होते हुए देखना दुखद है."


पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज लैंगर ने कहा कि वह उनकी टीम इस मामले में पिछले कुछ साल काफी शिक्षित हुए हैं. उन्होंने कहा, "मैंने पिछले महीने ही ऑस्ट्रेलिया के इतिहास पर एक किताब पढ़ी है और पिछले कुछ महीनों में कुछ अच्छे वृत्तचित्र देखे हैं. हम स्वयं को शिक्षित कर रहे हैं और इससे आपको काफी दुख होता है कि लोगों को नस्लवाद का सामना करना पड़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में जो कुछ हुआ जब आप उसे लेकर शिक्षित होते हो तो आपको समझ में आता है कि आखिर क्यों यह इतना पीड़ादायक है."


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