ICC Cricket World Cup 2023: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कुछ ही घंटों में वर्ल्ड कप का फाइनल मैच शुरू होने वाला है. इन दोनों टीमों ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है. खासतौर पर भारत की बात करें, तो इस टीम ने पूरे वर्ल्ड कप सीज़न में एक भी हारा नहीं है, और उसके एक बहुत बड़े कारण मोहम्मद शमी रहे हैं. टीम इंडिया और इंडिया के सभी फैन्स को भी फाइनल मैच में भी मोहम्मद शमी से काफी उम्मीदें हैं.
फाइनल मैच में शमी पर टिकी पूरे देश की उम्मीद
मोहम्मद शमी को इस वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में खिलाया नहीं गया था, लेकिन उन्हें जब से मौका मिला, तब से उन्हें कोई दोबारा टीम से बाहर कर नहीं पाया. मोहम्मद शमी न्यूज़ीलैंड के खिलाफ धर्मशाला में हुए मैच में खेले थे, और पहले मैच में ही 5 विकेट ले लिए थे. उसके बाद शमी ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और सिर्फ 6 मैचों में 23 विकेट चटकाकर इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. शमी ने भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुए सेमीफाइनल मैच में भी कमाल का प्रदर्शन किया था. उस मैच में भी शमी ने न्यूज़ीलैंड के 7 बल्लेबाजों को आउट करके टीम इंडिया को जीत दिला दी, और खुद प्लेयर ऑफ द मैच बन गए.
वह बॉलिंग मशीन की तरह गेंदबाजी करता है
शमी को बचपन में कोचिंग देने वाले उनके कोच बदरुद्दीन ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए बताया कि, लॉकडाउन के टाइम पर शमी ने अपनी गेंदबाजी पर काफी काम किया था. वह अपने गांव में आकर अपने भाई को गेंदबाजी करता था. मोहम्मद शमी दोपहर के 2 बजे से रात 10 बजे तक अपने भाई को गेंदबाजी करता रहता था, यानी वह रोज 8 घंटे तक एक ही जगह पर गेंदबाजी करने का अभ्यास करता था. इसलिए हमें लगता था कि वो कोई बॉलिंग मशीन है, जो लगातार एक ही जगह पर गेंद फेंक रही है.
शमी ने गीली गेंद से भी खूब अभ्यास किया है
शमी के कोच ने बताया कि "शमी लगातार कई घंटे तक एक ही टप्पे पर गेंदबाजी कर सकता है. इसके अलावा मोहम्मद शमी के कोच ने बताया कि, लॉकडाउन के टाइम पर शमी ने ओस की समस्या से पार पाने का भी अभ्यास किया. मैदान पर ओस आने की वजह से रात में गेंदबाजों को गेंद पर पकड़ बनाने और सटीक गेंदबाजी करने में दिक्कत होती है, लेकिन शमी ने गीली गेंदों से भी रात में खूब गेंदबाजी का अभ्यास किया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उसका भी उपयोग किया जा सके."