Narendra Modi Stadium Pitch: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिचें वैसे तो बल्लेबाजी के अनुकूल मानी जाती रही हैं लेकिन इस बार यहां गेंदबाजों ने भी लाजवाब काम किया है. खासकर स्पिनर्स ने इस पिच पर कसी हुई गेंदबाजी के साथ खूब विकेट चटकाए हैं. तेज गेंदबाजों ने भी यहां कहर बरपाया है. 19 नवंबर को होने वाले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप फाइनल में भी संभवतः यहां की पिच का मिजाज कुछ ऐसा ही रहने वाला है.


वर्ल्ड कप 2023 में अब तक अहमदाबाद के इस मैदान पर चार मुकाबले हुए हैं. यह चारों मुकाबले डे-नाइट रहे. इनमें से तीन मैचों में रन चेज़ करने वाली टीम को बेहद आसान जीत मिली है. वहीं एक मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम करीब-करीब से जीती है. यानी कहा जा सकता है कि टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना यहां ज्यादा फायदेमंद रहा है और फाइनल में भी यही फायदे का सौदा साबित हो सकता है.


पहली पारी में आसान नहीं बल्लेबाजी
वर्ल्ड कप 2023 का ओपनिंग मुकाबला यहीं हुआ था. तब इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 282 रन बनाए थे लेकिन कीवी टीम ने महज एक विकेट खोकर ही यह लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया था. दूसरे मैच में यहां भारत ने पाकिस्तान को पहली पारी में महज 191 पर ढेर कर 31 ओवर में ही लक्ष्य पा लिया था. तीसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने यहां इंग्लैंड को जरूर 33 रन से हराने में कामयाबी हासिल की. लेकिन चौथे मैच में फिर चेज़ करने वाली टीम ही सफल रही. यहां हुए पिछले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने अफगानिस्तान को 244 रन पर ऑलआउट कर दूसरी पारी में 5 विकेट खोते हुए टारगेट हासिल कर लिया था.


शुरुआत में तेज गेंदबाज हावी, बाद में स्पिनर्स का कहर
अहमदाबाद की पिच पर हुए इस वर्ल्ड कप मैचों को देखा जाए तो यहां पहली पारी में तेज गेंदबाजों को नई बॉल के साथ शुरुआती कुछ ओवर्स में अच्छा मुवमेंट मिलता है लेकिन इसके बाद यहां विकेट धीमा हो जाता है. ऐसे में स्पिनर्स हावी होने लगते हैं. दूसरी पारी तक यह विकेट सेटल हो जाता है और गेंद अच्छे से बल्ले पर आने लगती है. फिर दूसरी पारी के दौरान रात में गिरने वाली ओस भी रन चेज़ करने में मदद करती है. 


इस मैदान पर हुए पहले और चौथे मैच में स्पिनर्स और तेज गेंदबाजों को बराबर विकेट मिले. दोनों तरह के गेंदबाजों ने पहले मुकाबले में 5-5 और दूसरे मैच में 7-7 विकेट लिए. तीसरे और चौथे मैच में जरूर तेज गेंदबाजों को ज्यादा विकेट मिले लेकिन इसका बड़ा कारण यह था कि इन मैचों में टीमों ने अपनी प्लेइंग-11 में या तो एक स्पिनर रखा था या इन टीमों के स्पिनर्स ज्यादा कामयाब नहीं थे. बता दें कि दूसरे मुकाबले में तेज गेंदबाजों ने यहां 9 विकेट हासिल किए और स्पिनर्स को 4 विकेट मिले. तीसरे मैच में भी तेज गेंदबाजों ने 13 विकेट चटकाए और स्पिनर्स के हिस्से 7 विकेट आए.


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