IND vs AUS: गाबा में 250 से ज्यादा का टारगेट कभी नहीं हुआ है चेज़, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
गाबा में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 328 रनों का लक्ष्य दिया है. लेकिन गेंदबाजों के मददगार इस मैदान पर कभी 250 से ज्यादा का टारगेट चेज़ नहीं हुआ है. ऐसे में क्या पांचवें दिन टीम इंडिया इतिहास रच पाएगी.
Australia vs India 4th Test: गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के पांच और शार्दुल ठाकुर के चार विकेट के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 294 रनों पर रोक दिया. लेकिन पहली पारी में 33 रनों की बढ़त हासिल करने की वजह से ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने कुल 328 रनों का लक्ष्य रखा. चौथे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने बिना किसी नुकसान के चार रन बना लिए हैं. अब पांचवें दिन उसे जीत के लिए 324 रन बनाने होंगे. हालांकि, बारिश के कारण दिन का खेल जल्दी खत्म कर दिया गया.
गौरतलब है कि गाबा के मैदान पर अभी तक 250 से ज्यादा का टारगेट चेज़ नहीं हुआ है. 1951 में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां 236 रनों का टारगेट चेज़ किया था. जो इस मैदान पर लक्ष्य का पीछा करने के मामले में सर्वाधिक स्कोर है. इसके बाद से कोई भी टीम यहां चौथी पारी में 250 से ज्यादा रन नहीं बना सकी है.
सिराज के नाम रहा चौथा दिन
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच का चौथा दिन तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के नाम रहा. उन्होंने 19.5 ओवर में 73 रन देकर पांच विकेट झटके. इसके साथ ही वह गाबा में पांच विकेट लेने वाले छठे भारतीय गेंदबाज बन गए.
सिराज के अलावा अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे शार्दुल ठाकुर ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया. पहली पारी में अर्धशतक जड़ने वाले इस तेज गेंदबाज ने चार विकेट झटके. उन्होंने 19 ओवर में 61 रन देकर यह कारनामा किया. इसके अलावा ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर को एक विकेट मिला.
पांचवें दिन भारत को बनाने होंगे 324 रन
बता दें कि बारिश के कारण ब्रिस्बेन टेस्ट के चौथे दिन भी खेल जल्दी रोक दिया गया. इससे पहले दूसरे दिन भी बारिश के कारण तीसरा सेशन रद्द करना पड़ा था. चौथे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 1.5 ओवर में चार रन बना लिए हैं. रोहित शर्मा चार रन बनाकर खेल रहे हैं. वहीं शुभमन गिल ने अभी खाता नहीं खोला है. अब भारत को पांचवें दिन जीत के लिए 324 रन बनाने होंगे. हालांकि, पिच को देखते हुए भारत के लिए ये बिल्कुल भी आसान नहीं रहने वाला है.
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