ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले में जडेजा का कनकशन लेने की वजह से टीम इंडिया विवादों के घेरे में हैं. लेकिन टीम इंडिया के पूर्व कोच अनिल कुंबले ने इस फैसले का बचाव किया है. अनिल कुंबले ने कहा कि भारत का सही फैसला था और एक आलराउंडर की जगह स्पिनर को लाने से मुझे कोई समस्या नहीं है.
कुंबले कनकशन नियमों को अच्छी तरह से जानते हैं, क्योंकि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की क्रिकेट समिति की अध्यक्षता करते हैं. इसी समिति ने आस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज फिल ह्यूज के निधन के बाद इस नियम की सिफारिश की थी. बाद में आईसीसी ने इस नियम को अपनी मंजूरी दी थी.
जडेजा को शुक्रवार को कैनबरा में आयोजित पहले टी20 मुकाबले के दौरान सिर पर चोट लगी थी. वह कनकशन में चले गए थे और उनकी जगह स्पिनर युजवेंद्र चहल ने गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट हासिल किए थे.
चहल ने लिए महत्वपूर्ण विकेट
चहल ने चार ओवरों में 25 रन देकर तीन विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच चुने गए और भारत को पहला टी-20 मैच जिताने में मदद की. उन्होंने एरॉन फिंच, स्टीव स्मिथ और मैथ्यू वेड के विकेट लिए. जडेजा को मैच की पहली पारी के आखिरी ओवर में मिशेल स्टार्क की गेंद हेलमेट पर लग गई थी. इसी कारण चहल उनके स्थान पर कनकशन खिलाड़ी के तरह आए थे.
कुंबले ने कहा, "फिल ह्यूज के दुखद निधन के बाद यह नियम पिछले कुछ वर्षों से लागू है. जब किसी के सिर पर चोट लगती है, तो उसके स्थान पर आने पर दूसरे खिलाड़ी को आना होता है. मुझे पता है कि जडेजा ने सिर पर चोट लगने से पहले अपनी हैमस्ट्रिंग खींच ली थी. जब वह चोटिल हुए तो मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने के लिए ज्यादा कुछ करना था."
कुंबले ने कहा कि उन्होंने कुछ रिपोर्टों में यह भी पढ़ा था कि जडेजा ने फिजियो को नहीं बुलाया. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि फिजियो को बुलाना जडेजा का फैसला है. यह अंपायरों पर है कि वे खेल को रोके और फिजियो को बुलाए. ऐसा शायद इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि जडेजा सिंगल के लिए दौड़े और उन्होंने खेलना जारी रखा. वह ठीक था. कनकशन के लिए यह जरूरी नहीं कि मैदान पर उनका होना जरूरी है. आप ड्रेसिंग रूम में वापस आ सकते हैं और फिर आपको सिरदर्द या चक्कर आ सकता है. तभी डॉक्टर अंदर जाएंगे और रुकेंगे. इस मामले में शायद यही हुआ है."
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