IND vs AUS Tied Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच अब तक 102 टेस्ट मैच खेले गए हैं. इन मुकाबलों में केवल एक मैच टाई रहा है. यह मैच चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में सितंबर 1986 में खेला गया था. 36 साल पहले हुए इस मुकाबले ने रोमांच की सारी हदें पार कर दी थी. हालत यह थी कि पहली पारी में विशाल अंतर से पिछड़ने के बावजूद भारतीय टीम ने आखिरी दिन मुकाबले में जान डाल दी थी. वह यह मुकाबला जीतने के भी करीब पहुंच गई थी लेकिन बदकिस्मती से यह मुकाबला टाई हो गया था.
1986 के उस दौर में ऑस्ट्रेलिया की कमान एलन बॉर्डर के हाथों में थी और भारतीय टीम की कप्तानी कपिल देव कर रहे थे. सीरीज का यह पहला ही मुकाबला था जो चेपॉक के मैदान पर खेला जा रहा था. यहां ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी. कंगारू टीम ने पहले खेलते हुए डेविड बून (122), डीन जोन्स (210) और एलन बॉर्डर (106) की शतकों की बदौलत 7 विकेट खोकर 574 रन पर पहली पारी घोषित की थी. भारत की ओर से केवल शिवलाल यादव कामयाब गेंदबाज रहे थे. उन्होंने 4 विकेट झटके थे.
पहली पारी में 177 रन से पिछड़ी भारतीय टीम
ऑस्ट्रेलियाई पारी के बाद यहां भारतीय बल्लेबाजों ने भी दमखम दिखाया. श्रीकांत (53), अजहरुद्दीन (50), रवि शास्त्री (62 ) के अर्धशतकों के साथ ही कप्तान कपिल देव ने तेज तर्रार शतक (119) जड़ डाला था. भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 397 रन बनाए थे. यहां पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को 177 रन की विशाल लीड मिली थी.
348 रन का मिला था लक्ष्य
अच्छी खासी बढ़त मिलने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी महज 170 रन पर ही घोषित कर दी थी. दरअसल, उस दौर में टेस्ट क्रिकेट में 300 से ज्यादा रन का लक्ष्य हासिल करना इतना आसान काम नहीं था. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की टीम भारतीय टीम को 348 रन देकर निश्चिंत हो गई थी. लेकिन यहां भारतीय बल्लेबाजों के तेज-तर्रार खेल और दमखम भरी पारियों ने ऑस्ट्रेलियो को चिंता में डाल दिया था.
भारतीय बल्लेबाजों की तेज-तर्रार पारियां
यहां श्रीकांत ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू की. श्रीकांत (39) के आउट होने के बाद सुनील गावस्कर ने मोहिंदर अमरनाथ के साथ शतकीय साझेदारी कर भारतीय टीम को जीत की राह दिखाई. अमरनाथ 51 और गावस्कर 90 रन बनाकर आउट हुए. इनके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन (42), चंद्रकांत पंडित (39) और रवि शास्त्री (48) ने भी लाजवाब पारियां खेलीं. चंद्रकांत और शास्त्री का स्ट्राइक रेट तो 100+ रहा. ऐसे में भारतीय टीम लगभग जीत के कगार पर पहुंच गई थी.
रोमांच की सारी हदें पार
भारतीय टीम को एक वक्त जीत के लिए महज 17 रन की दरकार थी और उसके पास 4 विकेट बाकी थे. यहां चेतन शर्मा (23) का विकेट गिरा और फिर बैक टू बैक विकेट गिरने लगे. आखिरी में भारत को जीत के लिए एक रन की जरूरत रह गई थी और उसके 9 विकेट गिर चुके थे. यहीं मनिंदर सिंह एलबीडब्ल्यू दिए गए और यह मुकाबला टाई हो गया. इसे क्रिकेट इतिहास के सबसे रोचक मुकाबलों में भी शुमार किया जाता है.
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