ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट सीरीज को 2-1 से नाम करके भारत कंगारु टीम को उसके घर में हराने वाला पहला एशियाई देश बनने में कामयाब रहा. सीरीज की जीत में बल्लेबाजों से ज्यादा भारतीय तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन का योगदान रहा. ये भारतीय तेज गेंदबाजों की परफॉर्मेंस का ही कमाल था कि 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में कोई भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज 100 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाया.


आखिरी टेस्ट में मार्कस हैरिस ने दूसरी पारी में 79 रन बनाए, जो कि इस सीरीज में किसी भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. इतना ही नहीं हैरिस का यह स्कोर बीते 100 साल में आस्ट्रेलिया के किसी भी बल्लेबाज का दो या दो से ज्यादा टेस्ट मैचों की घेरलू सीरीज में सबसे कम उच्चतम स्कोर है. इस सीरीज में आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने मिलकर कुल आठ अर्धशतक जमाए लेकिन कोई भी बल्लेबाज शतक नहीं बना सका.


वहीं अगर भारत की बात की जाए तो उसके बल्लेबाजों ने इस सीरीज में पांच शतक जमाए. मेजबान टीम के शीर्ष छह बल्लेबाजों का इस सीरीज में औसत 27.02 रहा जो बीते 100 साल में घर में आस्ट्रेलिया द्वारा दो या दो टेस्ट मैचों की सीरीज में तीसरा सबसे खराब औसत है. भारत के टॉप सिक्स बल्लेबाजों का इस सीरीज में औस्त 37.51 रहा.