भारतीय टीम के मध्यक्रम बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच को जिताने के लिए पहली पारी में बनाया गया स्कोर पर्याप्त है. भारत ने अपने बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन गुरुवार को सात विकेट पर 443 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित कर दी है.


मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने इसके जवाब में दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के आठ रन बना लिए हैं.


पुजारा ने मैच के बाद कहा, "इस पिच पर रन बनाना मुश्किल है. यदि हम पहले दो दिनों को देखें तो स्कोर कम हैं. इस लिहाज से मैं यह कह सकता हूं कि एक दिन में 200 रन बनाना मुश्किल काम है. इसलिए मेरा मानना है कि हमारे पास पर्याप्त रन हैं."


पुजारा ने 319 गेंदों का सामना किया और 106 रन की शतकीय पारी खेली. उन्होंने विकेट पर 116.5 ओवर बिताए. उन्होंने कहा कि पिच अब बदल रही है इसलिए अब बल्लेबाजी करना काफी मुश्किल होगा.


पुजारा ने कहा, "जैसा कि आज (दूसरे दिन) हमने देखा पिच ने कांटा बदलना शुरू कर दिया है और इसमें इसमें असमान उछाल भी है. आज और कल (पहले दिन) की बल्लेबाजी में मुझे काफी असमानता महसूस हुई है और मुझे नहीं लगता है कि अब इस पर बल्लेबाजी करना आसान होगा. मुझे लगता है कि अब कल (तीसरे दिन) इस पर बल्लेबाजी मुश्किल होगी. अगर हमारे गेंदबाज अनुशासित गेंदबाजी करते हैं तो ये स्कोर जीत के लिए पर्याप्त होगा."


भारत को इस विशाल स्कोर तक ले जाने में पुजारा के अलावा कप्तान विराट कोहली (82), मयंक अग्रवाल (76) और रोहित शर्मा (नाबाद 63) की बेहतरीन पारियों का अहम योगदान रहा.


पुजारा ने कहा, "अपने शतक तक पहुंचने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करना पड़ा है. इसके लिए मैंने करीब चार से अधिक सेशन विकेट पर बिताए हैं. जब भी मैंने शतक पूरा किया है तो वह तीन से चार सेशन में पूरा किया है. लेकिन इस मैच में मुझे लगता है कि अपने शतक तक पहुंचने के लिए मुझे चार से अधिक सेशन लगे हैं."


उन्होंने कहा, " यह एक चुनौतीपूर्ण पिच है. एक बल्लेबाज के रूप में इस पिच पर रन बनाने के लिए मुझे काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ा है. इसके अलावा असमान उछाल का भी सामना करना पड़ा है."