IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच में नागपुर में खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले दिन का खेल पूरी तरह से भारतीय टीम के नाम रहा. रवींद्र जडेजा की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारतीय टीम ने पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम की पहली पारी को 177 रनों पर समेट दिया. वहीं इसके बाद दिन का खेल खत्म होने पर टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में 1 विकेट के नुकसान पर 77 रन बना लिए थे.
घुटने की सर्जरी के बाद पूरी तरह फिट होकर 5 महीने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले रवींद्र जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ 47 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किए जिसमें मार्नश लाबुशेन और स्टीव स्मिथ का भी अहम विकेट शामिल था.
पहले दिन के खेल के समाप्त होने के बाद प्रेस वार्ता के दौरान रवींद्र जडेजा ने कहा कि यह पिच कोई बहुत अधिक टर्न लेने वाली पिच नहीं है. दूसरी पिचों के मुकाबले यह थोड़ा धीमी है और यहां पर कम उछाल भी देखने को मिल रहा है. मुझे लगा आज यहां पर डिफेंसिव होकर खेलना बल्लेबाज के लिए आसान होगा लेकिन खेल आगे बढ़ने के साथ यह मुश्किल होता दिखाई दिया लेकिन यही तो टेस्ट क्रिकेट है.
वहीं जडेजा ने आगे कहा कि वह क्रीज का उपयोग अपनी प्रत्येक गेंद पर नहीं कर रहे थे बल्कि वह पिच में कम बाउंस होने की वजह से बल्लेबाज के मन में दुविधा पैदा करने के लिए ऐसा कर रहे थे. कुछ गेंदों को मैं क्रीज के एकदम कोने से फेंक रहा था जबकि कुछ को मैं स्टंप के बिल्कुल नजदीक आकर. ऐसे में यदि बल्लेबाज आगे आकर गेंद को खेलने का प्रयास करता है और वह घूम जाती है तो विकेट लेने का मौका बनता जो मार्नश के साथ देखने को मिला. वहीं स्टीव स्मिथ को जो मैने गेंद फेंकी थी वह पड़कर उसी जगह से सीधे निकल गई.
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रणजी ट्रॉफी मुकाबला खेलने से मुझे लय मिलने में आसानी हुई
इस टेस्ट सीरीज में खेलने से पहले रवींद्र जडेजा को अपनी फिटनेस साबित करने के लिए रणजी में एक मुकाबला भी खेलना पड़ा था. जिसको लेकर उन्होंने कहा कि चेन्नई में उस मुकाबले कि पिच और इस पिच को मैं एक जैसी नहीं कह सकता हूं लेकिन दोनों में जो एक बात समान थी इनका बाउंस जो बेहद कम है और इसी कारण मुझे गेंदबाजी के दौरान अधिक कुछ सोचना नहीं पड़ा.
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