IND vs BAN 1st Test Day 1: भारत और बांग्लादेश के बीच चल रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच 19 सितंबर से शुरू हो गया है. बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है. जिसके बाद पहले मैच का पहला दिन भारतीय टीम के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा. दिन के अंत तक भारत रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन की बदौलत अच्छी स्थिति में पहुंच गया, लेकिन खेल के शुरुआती हिस्से में बांग्लादेश ने टीम इंडिया को दबाव में ला दिया था.
बांग्लादेश की शुरुआती सफलता का मुख्य कारण टॉस जीतकर गेंदबाजी करना रहा, जिससे उन्हें पहले घंटे में पिच का पूरा फायदा मिला. इसके अलावा बांग्लादेश के गेंदबाजों की सटीक लाइन-लेंथ भी टीम इंडिया के लिए मुश्किलें खड़ी करती रही थी. लेकिन इन सबके बीच सबसे खास प्रदर्शन हसन महमूद का रहा, जिन्होंने अपनी धारदार गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजी क्रम की कुछ बड़ी कमजोरियों को उजागर किया.
1. रोहित शर्मा की धीमी शुरुआत पर सवाल
हाल के दिनों में रोहित शर्मा सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी धीमी शुरुआत टीम के लिए चिंता का विषय बन गई है. इस मैच में भी रोहित ने संभल कर बल्लेबाजी करते हुए पिच पर समय बिताया, लेकिन रन रेट धीमा ही रहा. पिछले दो सालों से टेस्ट क्रिकेट में उनका स्ट्राइक रेट 60 के आसपास है, जो आज के तेज-तर्रार खेल में थोड़ा कम माना जाता है. अगर रोहित थोड़ा और आक्रामक होकर खेलते तो शायद भारत को बेहतर शुरुआत मिल सकती थी.
2. शुभमन गिल की संयम की कमी
शुभमन गिल को भारत के टेस्ट क्रिकेट का भविष्य का सितारा माना जा रहा है, लेकिन इस मैच में उन्होंने ऐसे समय अपना विकेट गंवा दिया, जब टीम को उनकी जरूरत थी. गिल ने गैरजरूरी शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया, जो उनके अनुभव और धैर्य की कमी को दर्शाता है. गिल को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अधिक धैर्य दिखाने की जरूरत है, खासकर टेस्ट क्रिकेट जैसे लंबे फॉर्मेट में, जहां हर रन मायने रखता है.
3. विराट कोहली की ऑफ-स्टंप के बाहर परेशानी
विराट कोहली का करियर भले ही शानदार रहा हो, लेकिन हसन महमूद के खिलाफ उनकी एक पुरानी कमजोरी फिर से सामने आ गई. कोहली अक्सर ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर ड्राइव खेलने की कोशिश में अपना विकेट गंवा देते हैं. इस मैच में भी ऐसा ही हुआ, जब महमूद ने उन्हें इस एरिया में परेशान किया. यह समस्या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी उनके लिए परेशानी का सबब बन सकती है. कोहली को अपनी इस पुरानी कमजोरी पर ध्यान देना होगा ताकि वह अपनी लय वापस पा सकें.