(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IND vs BAN 2nd ODI: सीरीज़ हारने के बाद गेंदबाज़ों पर बरसे रोहित शर्मा, जानें बांग्लादेश की जीत पर क्या कहा
IND vs BAN 2nd ODI: बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज़ हारने के बाद भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने दूसरे मैच को लेकर बात की. उन्होंने इस मैच में गेंदबाज़ों को लेकर बात की.
IND vs BAN 2nd ODI: बांग्लादेश दौरे पर मौजूद भारतीय टीम ने लगातार दो मैच हारकर वनडे सीरीज़ गंवा दी है. ऐसा दूसरी बार हुआ है कि भारतीय टीम को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज़ में हार मिली हो. यह एक रोमांच मैच था. इसमें बांग्लादेश के बल्लेबाज़ मेहंदी हसन ने शानदार शतकीय पारी खेलकर अपनी टीम को 271 रनों तक पहुंचाया. मैच के बाद टीम भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने बात करते हुए बताया कि हमारे गेंदबाज़ों की तरफ से अच्छा प्रभाव नहीं था. गेंदबाज़ों ने उन्हें 69/6 से 271/7 तक जाने का मौका दिया.
बॉलर्स का अच्छा प्रभाव नहीं था
रोहित शर्मा ने मैच के बाद बात करते हुए कहा, “यह (अंगूठे की चोट) अच्छी नहीं थी. कुछ अव्यवस्था और कुछ टांके थे. भाग्य से यह फैक्चर नहीं था, तो मैं बल्लेबाज़ी करने का काबिल था. जब आप मैच हारते हो, उसमें निगेटिव और पॉज़िटिव चीज़ें होती हैं. उन्हें 69/6 से 271/7 तक जाने देना बॉलर्स की तरफ से अच्छा प्रभाव नहीं था. हमने अच्छी शुरुआत की लेकिन बीच के ओवर और बैक एंड से हमें काफी नुकसान हुआ. पिछले मैच भी यही हुआ था. यह ऐसी चीज़ है जिस पर हमें काम करना चाहिए. मेहदी और महमुदुल्लाह पार्टनरशिप शानदार थी, लेकिन हमें इस तरह की साझेदारियों को तोड़ने के तरीके खोजने की भी जरूरत है.”
उन्होंने आगे कहा, “वनडे क्रिकेट में यह पार्टनरशिप के बारे में होता है और जब आप उन्हें हासिल करते हो तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि वे मैच जिताऊ साझेदारियों में तब्दील हो जाएं. उन्होंने यही किया. अगर आप 70 रन की पार्टनरशिप कर लेते हो तो आपको उन्हें 110-120 रन की साझेदारी में बदलना होता है जिससे कि टीम मैच जीत सके क्योंकि नए बल्लेबाज के लिए यह आसान नहीं होता है. मिडिल ऑर्डर में बहादुर होने की ज़रूरत होती है.
इंजरी पर ज़ाहिर की चिंता
चोट को लेकर कुछ चिंताएं हैं, हमें इसकी तह तक जाने की जरूरत है. उन्हें आज़माने और निगरानी करने की आवश्यकता है, क्योंकि इसे समझना ज़रूरी है. जब वे भारत के लिए खेलने आते हैं, तो उन्हें 100 प्रतिशत से अधिक तैयार होना चाहिए. हमें उनके वर्कलोड को मॉनिटर करने की ज़रूरत है क्योंकि हम आधे फिट खिलाड़ियों को भारत के लिए खेलता हुआ नहीं देख सकते हैं.”
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