भारत और बांग्लादेश के बीच जब तीन टी20 सीरीज की शुरूआत हुई थी तो पहले मैच से विवाद सामने आ गए थे. इस दौरान दिल्ली का प्रदूषण उफान पर था और दोनों टीमों ने अपना पहला मैच दिल्ली में ही खेलना था. बीसीसीआई के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मैदान बदलने और मैच को रद्द करने से मना कर दिया था. अंत में मैच हुआ और सबकुछ अच्छे से हो गया.


टीम इंडिया को अपने पहले ही मैच में हार का मुंह देखना पड़ा. इस दौरान बांग्लादेश की टीम भारत के खिलाफ अपना पहला टी20 जीतने में कामयाब हो गई. मैच के हीरो रहे थे मुशफिकुर रहीम. बांग्लादेश की टीम ये मैच 7 विकेट से जीत गई. लेकिन अब टीम इंडिया के बल्लेबाजों और गेंदबाजों पर सवाल उठने लगा है. अगले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप होना है ऐसे में टीम इंडिया पूरी तरह से तैयार नहीं लग रही है.

विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की कप्तान संभाल रहे रोहित शर्मा पर बल्लेबाजी क्रम की भी जिम्मेदारी है. पहले मैच में रोहित का बल्ला नहीं चला था. उनके सलामी जोड़ीदार शिखर धवन ने 42 गेंदों पर 41 रन जरूर बनाए थे, लेकिन टी-20 के लिहाज से उनकी पारी काफी धीमी थी. मजबूत शुरुआत के लिए टीम इन दोनों के ही आसरे है. ऐसे में इन दोनों को अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करना होगा क्योंकि यह दोनों विफल रहते हैं तो मध्य क्रम में वो ताकत नजर नहीं आती है कि वह मजबूत लक्ष्य को हासिल कर सके या विशाल स्कोर बोर्ड पर टांग सके.

लोकेश राहुल लगातार जूझ रहे हैं. ऋषभ पंत के रवैये में भी बदलाव नहीं दिखा. श्रेयस अय्यर ने भी पहले मैच में जल्दबाजी दिखाई थी. पदार्पण करने वाले शिवम दुबे भी विफल रहे थे. अनुभव की कमी यहां एक बड़ी समस्या है.

टीम में बदलाव की गुंजाइश भी दिख रही है. पंत की लगातार विफलता के कारण संजू सैमसन को अपना दूसरा टी-20 मैच खेलने का मौका राजकोट में मिल सकता है. निचले क्रम में क्रूणाल पांड्या से तेजतर्रार पारी की उम्मीद की जा सकती है.

वहीं अगर गेंदबाजी की बात की जाए तो मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं. पिछले मैच में चहल ने तो अपना काम किया था लेकिन बाकी गेंदबाज रोने के सिवाए कुछ नहीं कर पाए.

खलील अहमद ने 19वें ओवर में चार चौके पड़वा मैच को भारत की झोली से निकालकर मेहमानों को तोहफा दे दिया था. वॉशिंगटन सुंदर, दीपर चहर, पांड्या भी छाप छोड़ने में विफल रहे थे. तेज गेंदबाजों में रोहित के पास शार्दूल ठाकुर का एक विकल्प है तो स्पिन में राहुल चहर का.

अनुभवहीन भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के कारण बांग्लादेश को और मनोबल मिला है. पहले मैच में मुश्फीकुर रहीम ने इसका भरपूर फायदा उठाया था और टीम को जीत दिलाकर लौटे थे. रहीम ने ही खलील पर 19वें ओवर में चौकों की बरसात की थी.

उनके अलावा सौम्य सरकार और मोहम्मद नइम ने उनका अच्छा साथ दिया था. कप्तान महमुदुल्लाह अंत तक टिके रहे थे और रहीम के साथ टीम को जीत दिलाकर लौटे थे. गेंदबाजी में बांग्लादेश के पास मुस्ताफिजुर रहमान का अनुभव है. शइफुल इस्लाम जरूर थोड़े महंगे साबित हुए थे लेकिन अमिन हुसैन, अफिफ हुसैन ने रहमान का अच्छा साथ दिया था.

बांग्लादेश के पास भारत के खिलाफ सीरीज जीतने का इससे अच्छा मौका शायद ही आए. भारत की मजबूत कड़ी बीते कुछ वर्षो से गेंदबाजी रही है और इस सीरीज में वह कमजोर तथा अनुभवहीन है. कोहली के न रहने से यह बात भारत की बल्लेबाजी पर भी लागू होती दिख रही है, बस बांग्लादेश को रोहित और धवन से जल्दी छुटकारा पाना होगा.

टीमें (संभावित) :

भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), शिखर धवन, लोकेश राहुल, संजू सैमसन, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), वॉशिंगटन सुंदर, क्रूणाल पांड्या, युजवेंद्र चहल, राहुल चहर, दीपक चहर, खलील अहमद, शिवम दुबे, शार्दूल ठाकुर.

बांग्लादेश : महमुदुल्लाह (कप्तान), मोहम्मद नईम, अफिफ हुसैन, मोसादेक हुसैन, अनिमुल इस्लाम, लिटन दास, मुश्फीकुर रहीम, अराफत सनी, अल अमिन हुसैन, मुस्ताफिजुर रहमान, शाइफुल इस्लाम, अबु हैदर रोनी, मोहम्मद मिथुन, तइजुल इस्लाम.