Rohit Sharma: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने चोटिल अंगूठे के साथ बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे में बल्लेबाजी करते हुए शानदार मिशाल पेश की थी. हालांकि, रोहित इकलौते क्रिकेटर नहीं हैं जिसने अपने दर्द को भूलते हुए टीम के लिए मैदान पर उतरने का फैसला लिया है. कई क्रिकेटर ऐसे रहे हैं जिन्होंने तगड़ी से तगड़ी चोट के दर्द को भुलाते हुए अपनी टीम के लिए मैदान में उतरते हुए साहस दिखाया है. आइए जानते हैं उन पांच खिलाड़ियों को जो दर्द के साथ मैदान पर उतर चुके हैं.
अनिल कुंबले
पूर्व भारतीय दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले की 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ जबड़े पर पट्टी बांधे हुए गेंदबाजी करने की फोटो हर भारतीय क्रिकेट फैन के दिमाग में बसी हुई है. कुंबले बल्लेबाजी करते समय चोटिल हुए थे और खून बहने के बावजूद बल्लेबाजी जारी रखी थी. इसके बाद उन्होंने पट्टी बांधकर गेंदबाजी भी करने का फैसला लिया था.
युवराज सिंह
युवराज सिंह ने 2011 वर्ल्ड कप के दौरान अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी थी. लीग स्टेज के आखिरी मुकाबले में भारत का सामना वेस्टइंडीज से हो रहा था और युवराज पर भारतीय पारी को संभालने की जिम्मेदारी थी. युवराज ने इस पारी के दौरान खून की उल्टी की थी और इसे देखकर पूरा क्रिकेट जगत सदमे में आ गया था.
ग्रीम स्मिथ
2009 सिडनी टेस्ट में मिचेल जॉनसन की गेंद से दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज ग्रीम स्मिथ का बांया हाथ टूट गया था. चोट के कारण स्मिथ को मैदान छोड़ना पड़ा और 376 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही दक्षिण अफ्रीका ने अपने नौ विकेट गंवा दिए थे. ऐसा लगा था कि मैच समाप्त है, लेकिन स्मिथ मैदान में आए और उन्होंने लगभग मैच को ड्रॉ ही करा दिया था.
एमएस धोनी
2019 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान एमएस धोनी उंगली में हेयरलाइन फ्रैक्चर के साथ खेल रहे थे. इंग्लैंड के खिलाफ उनका अंगूठा चोटिल हुआ था जिससे खून चूसकर थूकते हुए उनकी फोटो वायरल हुई थी. धोनी लगातार दर्द झेलकर बल्लेबाजी करते रहे और बाद में खून जमने से उनका नाखून काला हो गया था.
गैरी किर्स्टन
2003 में लाहौर में खेले गए टेस्ट में शोएब अख्तर ने तेज बाउंसर से गैरी किर्स्टन की नाक तोड़ दी थी. गंभीर चोट लगने के बावजूद किर्स्टन दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में आए थे. भले ही वह अपनी टीम के हार को टाल नहीं पाए, लेकिन उनके जज्बे को हमेशा याद किया जाता है.
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