Sarfaraz Khan Hard Work Story: राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ अपना डेब्यू करने वाले सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने पहले ही मैच में सबको बता दिया कि वह बल्ले से क्या कर सकते हैं. उन्होंने अपने डेब्यू की दोनों पारियां में 62 और 68 रनों की शानदार अर्धशतकीय पारी खेली. खासतौर पर डेब्यू पर इंगलैंड के फिरकी गेंदबाजों के खिलाफ सरफराज खान ने जिस तरह से बल्लेबाजी की उसकी हर किसी ने तारीफ की. सरफराज का स्पिन को इतने अच्छी तरह से खेलने के पीछे उनकी कड़ी मेहनत है. उन्होंने स्पिन में महारत हासिल करने के लिए बहुत कुछ किया. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे सरफराज स्पिन के महारथी बने.
हर रोज खेली 500 गेंदें
सरफराज खान ने अपने क्रिकेट के सफर की शुरुआत अपने पिता नौशाद खान के क्रिकेट क्लब माचो क्रिकेट क्लब से की. कोराना काल के समय लगे दो लॉकडाउन के समय सरफराज ने स्पिन के खिलाफ तैयारी करना शुरू किया. उन्हें करीब से देखे वाले कोच ने पीटीआई से बात करते हुए बताया कि ‘सरफराज खान में आजाद मैदान, क्रॉस और ओवल में ऑफ, लेग और बाएं हाथ के फिरकी गेंदबाजों का सामना करते हुए रोजाना 500 गेंदें खेली.
1600 किमी की कार यात्रा
फिरकी गेंदबाजी के सामने खुद को मजबूत करने के लिए सरफराज ने कोरोना काल के समय लॉकडाउन में 1600 किमी की कार यात्रा की. इस दौरान वह मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून में उन्होंने यात्रा की और अखाड़ा में खेला, जहां गेंद काफी टर्न होती है। सरफराज खान की सफलता का श्रेय सिर्फ उनके पिता नौशाद खान को नहीं दिया जा सकता है. उनके प्रोग्रेस के पीछे भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और अभिमन्यु ईस्वरन के पिता आरपी ईस्वरन ने भी अहम योगदान दिया है.
सभी ने मिलकर सरफराज को बनाया योद्धा
इन सभी कोचों ने मिलकर सरफराज खान को स्पिन के खिलाफ एक शानदार योद्धा बनाया. लॉकडाउन के समय में खासतौर पर सरफराज ने इन सभी के पास जाकर नेट्स में खूब पसीना बहाया. कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे ने सरफराज को लेकर कहा कि ‘लॉकडाउन के समय नौशाद ने मुझे फोन किया. हम दोनों आजमगढ़ के हैं और हमने मुंबई में साथ में क्लब क्रिकेट खेला है. तो जब उन्होंने सरफराज को लेकर बात कि तो मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है. लॉकडाउन के वक्त सरफराज ने कुलदीप यादव का हमारी कानपुर एकेडमी में काफी सामना किया. दोनों ने एक साथ कई नेट सेशन में भाग लिया. मुंबई की लाल मिट्टी में खेलकर बड़ा हुआ सरफराज का स्पिनर्स के खिलाफ गेम शानदार है और वह अपने पैरों का काफी अच्छी तरह से उपयोग करता है.’
भारत के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन ने भी सरफराज के बारे में बातचीत की और कहा कि 'हां मैंने अहमदाबाद में उसके लिए ट्रेनिंग और नेट्स का आयोजन कराया. इसमें कोई दोराय नहीं कि बेटे और पिता दोनों ने कड़ी मेहनत की है, मैंने होस्टल में उसके रुकने का इंतजाम किया और कुछ मैच खिलाए.’
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