भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा कि लार पर प्रतिबंध लगाने से गेंदबाज पंगु बन गये हैं, क्योंकि गेंद को चमकाने में पसीना प्रभावशाली नहीं है.


इंग्लैंड ने चेपॉक की बेजान पिच पर भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन तीन विकेट पर 263 रन बनाये. कप्तान जो रूट ने अपने 100वें टेस्ट मैच में शतक जड़ा और वह 128 रन बनाकर खेल रहे हैं. चेपॉक के मैदान पर एसजी गेंद 40 ओवर के बाद नरम पड़ने लग गयी थी.


बुमराह ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘गेंद कुछ समय बाद नरम पड़ने लगी थी जबकि विकेट सपाट था और उससे उछाल नहीं मिल रही थी. आपके पास (गेंद को चमकाने के लिये) बहुत कम विकल्प हैं. हम सीमित विकल्पों के बीच उपाय तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.’’


भारत की तरफ से दो विकेट लेने वाले बुमराह ने स्वीकार किया कि गेंद की चमक बनाये रखना मुश्किल है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कोविड-19 महामारी के कारण लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगा रखा है. उन्होंने कहा, ‘‘हां यह तब मुश्किल बन जाता है जब गेंद नरम हो जाती है और कोविड-19 के नियमों के कारण आप उसे चमका नहीं सकते हो. हम लार का उपयोग नहीं कर सकते हैं और तब गेंद की चमक बनाये रखना बेहद मुश्किल होता है.’’


बुमराह ने कहा कि गेंद से रिवर्स स्विंग पाने के लिये पसीना अच्छा विकल्प नहीं है जो कि लार की तरह प्रभावी नहीं होता है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत में गेंद आसानी से खुरदुरी हो जाती है. इसलिए आपको उसका एक हिस्सा चमकाना पड़ता है लेकिन पसीने से ऐसा संभव नहीं है. आप पसीने से एक हिस्से को भारी नहीं कर सकते और इससे फायदा नहीं होता है. लेकिन यह नियम हैं और हमें परिस्थितियों के अनुसार ही आगे बढ़ना होगा.’’


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