IND vs ENG: डिप्रेशन से बाहर निकलने में सचिन की सलाह आयी काम-विराट कोहली
विराट कोहली का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे किसी खिलाड़ी का करियर बर्बाद हो सकता है. कोविड 19 की वजह से खिलाड़ियों को बायो बबल में रहना पड़ रहा है इसलिए खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बहस और तेज हो गई है.
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भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में इस बात को लेकर चुप्पी तोड़ी थी कि, वो 2014 के इंग्लैंड दौरे पर डिप्रेशन के शिकार थे. अब उन्होंने इस कठिन दौर से निकलने का श्रेय भारत के पूर्व महान बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को दिया है. उन्होंने बताया कि, मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर तेंदुलकर से हुयी बातचीत ने उनको एक नयी दिशा दी. कोविड 19 की वजह से खिलाड़ियों को बायो बबल में रहना पड़ रहा है इसलिए खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बहस और तेज हो गई है. विराट कोहली का मानना है कि टीम के साथ मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट का होना जरूरी है.
नकारात्मक भावों से लड़ने की नहीं है जरुरत
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के कमेंट्रेटर और पूर्व खिलाड़ी मार्क निकोल्स के साथ बातचीत में कहा, "मैंने सचिन से इस बात को लेकर बात की थी. उन्होंने मुझे सलाह दिन थी कि, हमें नकारात्मक भावों से लड़ने की कोई जरुरत नहीं है. आपको इस तरह के भावों को नजरअंदाज करना सीखना होता है. अगर आप इन नकारात्मक भावों से लड़ने की या इनके बारे में ज्यादा सोचने की कोशिश करेंगे तो ये और मजबूत होती जाती हैं. उनकी ये सलाह मेरे बहुत काम आयी और मुझे इस मुश्किल वक्त से उबरने में भी मदद मिली."
इंग्लैंड का दौरा मेरे करियर का सबसे मुश्किल दौर
कोहली के अनुसार इंग्लैंड का 2014 का दौरा एक बल्लेबाज के तौर पर उनके करियर का सबसे बूरा दौर था. विराट ने इस दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में 13.50 की औसत से रन बनाये थे. उनके स्कोर 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 रन थे. विराट ने कहा, "आप जब रन नहीं बना पाते तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता है, मेरे साथ भी ऐसा हुआ था. मुझे लगता है कि, ऐसा सभी बल्लेबाजों के साथ होता होगा जब आपका किसी चीज पर कोई नियंत्रण नहीं रहता. आपको नहीं पता होता है कि इससे कैसे बाहर निकलना है. इंग्लैंड का वो दौरा भी मेरे लिए ऐसा ही था जब मैं चीजों को बदलने के लिये कुछ नहीं कर सकता था. टीम के साथ होने के बावजूद मुझे ऐसा महसूस होता था जैसे मैं दुनिया में बिलकुल अकेला हूं."
टीम के साथ मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट का होना जरूरी
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक भारतीय कप्तान ने कहा, "ऐसा नहीं है कि उस वक्त मेरे पास इस पर बात करने के लिए लोग मौजूद नहीं थे, लेकिन एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट इस विषय पर ज्यादा मददगार साबित हो सकता है. ऐसा एक विशेषज्ञ टीम में होना जरूरी है जिस से आप खुलकर इस बारे में बात कर सकते हैं. जिस से आप अपने सवालों पर बात कर सके, आप कह सके कि आपको सोने में मुश्किल हो रही है या सुबह उठने का बिलकुल मन नहीं करता. मेरा मुझपर बिलकुल भी भरोसा नहीं रह गया है, बताइए मुझे क्या करना चाहिए." कप्तान विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिये अभी अहमदाबाद में हैं. दोनों टीमों ने अभी तक एक एक मैच जीता है. तीसरा टेस्ट मैच 24 फरवरी से खेला जाएगा.
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