Team India ने जब 7 मैचों में बदले 6 कप्तान...जानिए कब रहा भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा दौर और क्या थी वजह
India vs west Indies 1958-59: भारतीय टेस्ट इतिहास में एक ऐसा समय भी आया था जब 7 टेस्ट मैच में 6 खिलाड़ियों ने कप्तानी की थी. तब भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता लाला अमरनाथ थे.
India vs England: भारत (India) और इंग्लैंड (England) के बीच कल यानी 1 जुलाई से एजबेस्टन (Edgbaston) में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी और निर्णायक मुकाबला खेला जाना है. इस टेस्ट को साल 2021 में कोरोना वायरस की वजह से रद्द कर दिया गया था. फिलहाल सीरीज में टीम इंडिया 2-1 से आगे चल रही है. यदि भारत इस मैच में ड्रॉ या जीत हासिल कर लेता है तो वह लगभग 15 साल बाद इंग्लिश जमीं पर टेस्ट सीरीज अपने नाम कर लेगा. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण इस टेस्ट की कमान जसप्रीत बुमराह को सौंपी जा सकती है.
7 मैचों में बदले 6 कप्तान
भारतीय टेस्ट इतिहास में एक ऐसा समय भी आया था जब 7 टेस्ट मैच में 6 खिलाड़ियों ने कप्तानी की थी. तब भारत के मुख्य चयनकर्ता लाला अमरनाथ थे. दरअसल नवंबर 1958 में विंडीज टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत आई थी. सीरीज से पहले चीफ सिलेक्टर लाला अमरनाथ टेलेंट के आधार पर खिलाड़ियों के चयन पर जोर देते थे. वहीं अन्य चयनकर्ता क्षेत्रीय आधार पर खिलाड़ियों को टीम में शामिल करना चाहते थे.
अमरनाथ ने किया वोट का प्रयोग
इसी बीच अमरनाथ ने अपने वोट का प्रयोग करके 36 साल के गुलाम अहमद को शुरुआती टेस्ट के लिए कप्तान चुना. मुंबई में होने वाले पहले टेस्ट से पहले अहमद चोट के कारण बाहर हो गए. अब अमरनाथ ने बोर्ड को सलाह दी कि मनोहर हार्डिकर को अहमद की जगह टीम में शामिल किया जाए. लेकिन अन्य सिलेक्टर्स जिनमें मुख्य रूप से एलपी जय ने स्थानीय स्पिनर बापू नादकर्णी को फोन मिलाया. अमरनाथ को गुस्सा आ गया जब जय ने यह घोषणा कर दी कि पॉली उमरीगर टीम की कप्तानी करेंगे.
भारतीय टीम का विरोध हुआ
उमरीगर के नेतृत्व में भारत-विंडीज के बीच पहला टेस्ट ड्रा रहा. मैच खत्म होने के बाद जय ने अमरनाथ पर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगाया. उन्होंने बीसीसीआई से इसकी शिकायत भी की. इसके बाद फिट हो चुके ने दूसरे टेस्ट में वापसी की. भारत इस मुकाबले में 203 रन से मात खाई. अब तीसरे टेस्ट के लिए सिलेक्टर्स ने इंडियन टीम में चार बदलाव किए. इसके बाद भी इंडिया यह मैच पारी और 336 रन से हार गया. इस हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों का जमकर विरोध हुआ.
वीनू मांकड़ बने कप्तान
लगातार दो हार के बाद भी अहमद को चौथे टेस्ट के लिए बतौर कप्तान नॉमिनेट किया गया. लेकिन उन्होंने रिटायमेंट का एलान कर दिया. अब वीनू मांकड़ को भारतीय टीम की कमान सौंपी गई. ऐसे में चौथा टेस्ट भारत 295 रन से हार गया. अमरनाथ ने दिल्ली में अंतिम टेस्ट के लिए टीम का एलान किया, जिसका उद्देश्य इंग्लैंड के आगामी दौरे की योजना बनाना था.
हेमू अधिकारी ने संभाली कमान
मुख्य चयनकर्ता लाला अमरनाथ नहीं चाहते थे कि वीनू मांकड़ इंग्लैंड सीरीज में भारतीय टीम की कमान संभालें और उन्होंने वीटो का इस्तेमाल किया. इसके बाद गुलाबराय रामचंद को लेकर सहमति बनाने की असफल कोशिश की गई. अमरनाथ ने फिर 39 साल के हेमू अधिकारी को 5वें टेस्ट के लिए टीम का कप्तान नियुक्त किया. यह मैच ड्रा रहा.
दत्ता गायकवाड़ बने कैप्टन
विंडीज सीरीज खत्म होने के बाद भारतीय टीम 1959 में इंग्लैंड दौरे पर गई. यहां भारत को 5-0 से हार का सामना करना पड़ा. सीरीज के पहले मैच में दत्ता गायकवाड़ ने भारत की कमान संभाली. चोट के कारण वह दूसरा मुकाबला नहीं खेल सके. ऐसे में पंकज रॉय ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया. कुल मिलकार भारत ने सात टेस्ट मैचों में कुल छह कप्तानों का इस्तेमाल किया.
- पॉली उमरीगर: पहला टेस्ट बनाम वेस्टइंडीज (दिसंबर 1958)
- गुलाम अहमद: दूसरा-तीसरा टेस्ट बनाम वेस्टइंडीज (दिसंबर 1958)
- वीनू मांकड़: चौथा टेस्ट बनाम वेस्टइंडीज (जनवरी 1959)
- हेमू अधिकारी: पांचवां टेस्ट बनाम वेस्टइंडीज (फरवरी 1959)
- दत्ता गायकवाड़: पहला टेस्ट बनाम इंग्लैंड (जून 1959)
- पंकज रॉय: दूसरा टेस्ट बनाम इंग्लैंड (जून 1959)
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