IND vs ENG Tests Prediction: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज 25 जनवरी से शुरू हो रही है. भारतीय मैदानों पर अगले डेढ़ महीने में यह दोनों टीमें 5 टेस्ट मुकाबलों में भिड़ेंगी. घरेलू मैदानों पर टीम इंडिया का पिछले 11 साल का रिकॉर्ड और इंग्लैंड के पिछले दो सालों की गेम शैली को देखें तो यह सीरीज ब्लॉकबस्टर रहने वाली है. हर किसी को इस सीरीज का बेसब्री से इंतजार है. ऐसा इसलिए भी है कि भारतीय टीम को आखिरी बार जिस टीम ने घरेलू मैदानों पर टेस्ट सीरीज हराई थी, वह इंग्लैंड ही थी. साल 2012 में इंग्लैंड ने भारत को टेस्ट सीरीज में मात दी थी. ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या अंग्रेज 11 साल पुराना यह इतिहास दोहराएंगे या भारतीय टीम घर में अपनी बादशाहत कायम रखेगी.


इस सीरीज के लिए रोमांच चरम पर है. वर्तमान भारतीय टीम बेहद सशक्त है. पिछले साल ही ऑस्ट्रेलिया जैसी दमदार टेस्ट टीम को भारत ने घर में 2-1 से मात दी थी. लेकिन इंग्लैंड भी कम नहीं है. जब से टेस्ट टीम में कोच ब्रेंडन मैक्कुलम की एंट्री हुई और कप्तानी बेन स्टोक्स के हाथ में आई है, तब से यह टीम चमत्कारिक क्रिकेट खेल रही है. इस टीम के बल्लेबाज बेखौफ होकर बैटिंग कर रहे हैं. टेस्ट को वनडे के अंदाज में खेलने की इस इंग्लिश शैली को 'बैजबॉल' नाम दिया गया है. इस खेल शैली ने इंग्लैंड को कई टेस्ट मैचों में हैरतअंगेज जीत दिलाई है. यही कारण है कि इस सीरीज में कुछ भी नतीजा निकल सकता है और यही बात इस सीरीज की उत्सुकता बढ़ा रही है.


क्या फिर से भारत को चौंका सकती है इंग्लिश टीम?
11 साल पहले इंग्लैंड ने भारत को चौंकाया था. तब भी भारतीय टीम सितारों से सजी हुई थी. बैटिंग लाइन-अप तो आज से भी ज्यादा मजबूत था. लेकिन इंग्लैंड ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच गंवाने के बाद चौंकाने वाली वापसी की. इंग्लिश बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजी को करारा जवाब दिया और इंग्लिश स्पिन जोड़ी ने भारत की स्पिन फ्रेंडली विकटों पर कहर बरपा दिया. इस बार क्या होगा, यह भविष्यवाणी अभी तो नहीं की जा सकती लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि इंग्लैंड टीम इस बार भी टीम इंडिया को चौंका सकती है.


11 साल पहले भारतीय टीम की ओपनिंग में सहवाग और गंभीर जैसे दिग्गज टेस्ट बल्लेबाज आते थे. फिर चेतेश्वर पुजारा, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसा मजबूत मिडिल ऑर्डर था. बाद में युवराज और एमएस धोनी भी थे. ऐसा दमदार बैटिंग लाइन-अप फिलहाल टीम इंडिया के पास नहीं है. गेंदबाजी में भी टीम इंडिया आज की टीम से कहीं से भी कम नहीं थी. तब स्पिन जोड़ी में आर अश्विन और प्रज्ञान ओझा थे तो फास्टर्स में जहीर और ईशान थे. यानी एक दशक पहले इंग्लैंड ने जिस टीम को हराया था, वह टीम आज की टीम से थोड़ी तो मजबूत ही थी.


यहां अंतर इंग्लैंड की टीम में आता है. उस दौर में इंग्लैंड की टीम बेहद ताकतवर थी. टीम में एलेस्टर कुक, जोनाथन ट्रॉट, केविन पीटरसन, ईयान बेल और मैट प्रायर जैसे बड़े बल्लेबाज थे. गेंदबाजी में भी टीम के पास ग्रीम स्वान और मोंटी पानेसर की जोड़ी थी, जिसने निर्णायक भूमिका निभाई थी. इस बार जो इंग्लिश टीम भारत दौरे पर आई है, वह इस टीम के मुकाबले कुछ कमजोर है, ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बार इंग्लैंड के लिए भारत में टेस्ट सीरीज जीतना आसान नहीं होगा.


क्या है इंग्लैंड की ताकत?
इंग्लैंड की ताकत उसकी गेम शैली है. 'बैजबॉल' स्टाइल के जरिए इंग्लैंड ने साल 2022 में पाकिस्तान को उसी के घर में 3-0 से टेस्ट सीरीज हराई थी. इस बार हुई एशेज में भी इंग्लैंड ने बैजबॉल के जरिए ऑस्ट्रेलिया से सीरीज को ड्रॉ कराया था. वह इस स्टाइल के साथ भारत को भी एक टेस्ट मैच हरा चुकी है. यह गेम शैली इंग्लैंड को आत्मविश्वास देती है. औसत बैटिंग लाइन-अप के बावजूद इस खेल शैली से इंग्लिश बल्लेबाज विशाल स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहे हैं. इंग्लैंड की एक बड़ी ताकत उसके कोच और कप्तान भी है. मैक्कुलम और स्टोक्स की लीडरशिप में इंग्लैंड का खेल देखते बनता है.


इंग्लैंड की सबसे बड़ी कमजोरी?
इंग्लैंड की सबसे बड़ी कमजोरी उसका स्पिन डिपार्टमेंट है. जैक लीच के अलावा इंग्लैंड के पास कोई अनुभवी स्पिनर नहीं है. भारत की स्पिन फ्रेंडली विकटों पर इंग्लैंड को अच्छे स्पिनरों की कमी निश्चित तौर पर खलेगी. इंग्लिश टीम के पास तेज गेंदबाजी अटैक तो लाजवाब है लेकिन अगर भारत में सीरीज जीतना है तो आपके पास कम से कम दो अच्छे स्पिनर होने ही चाहिए. साल 2012 में भी इंग्लैंड इसीलिए जीत पायी थी क्योंकि उस टीम में स्वान और पानेसर थे. लेकिन इस बार इंग्लैंड इस विभाग में बेहद कमजोर लग रही है.


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