इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट में सैंसपेरिल्स ग्रीनलैंड्स (SG) बॉल को लेकर गेंदबाज आर अश्विन के बाद अब कप्तान विराट कोहली ने भी कहा है कि वे इसकी क्वालिटी से संतुष्ट नहीं हैं. इससे पहले अश्विन ने इनकी गेंदों सिलाई निकलने पर निराशा व्यक्त की थी.
अश्विन ने चेन्नई में चौथे दिन के खेल के बाद कहा था कि "इस गेम में गेंद हमारे लिए काफी अजीब थी. क्योंकि मैंने कभी पहले एसजी बॉल को सीम से ऐसे खराब होते नहीं देखा" उन्होंने कहा, “पहले दो दिनों में पिच कठोर थी, इसलिए ऐसा हो सकता है. पर दूसरी पारी में भी 35 -40 वें ओवर के बाद यह हुआ. यह अजीब था. "
60 ओवर में ही खराब हो गई बॉल
कोहली ने कहा कि “विकेट सपाट और धीमा था और गेंद की गुणवत्ता भी कुछ ऐसी नहीं थी जिसे देखकर हमं बहुत खुशी हुई. क्योंकि सिर्फ 60 ओवर में गेंद पूरी तरह से खराब हो गई. टेस्ट मैच मे ऐसा नहीं होना चाहिए. "
पहला टेस्ट बहुत सपाट और धीमी चेपॉक पिच पर खेला गया था और 50 वें ओवर से पहले ही एसजी गेंद की सीम ढीली होने लगी थी और अंपायर ने गेंद को बदलने का अनुरोध नहीं माना था.1994 के बाद से भारत में खेले जा रहे सभी टेस्ट मैच सैंसपेरिल्स ग्रीनलैंड्स गेंदों से ही खेले गए हैं.
कोहली ने 2018 में भी एसजी बॉल की आलोचना थी
विराट कोहली ने अक्टूबर 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के दौरान एसजी गेंदों की क्वालिटी को लेकर आलोचना की थी और कहा था कि गेंद जल्दी खराब होने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन असर पड़ेगा. कोहली ने दुनियाभर में टेस्ट मैचों में ड्यूक गेंदों के इस्तेमाल की वकालत की थी.
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