India vs New Zealand 1st Test: भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला गया. इस मैच में कीवी टीम ने 8 विकेट से जीत दर्ज की और सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली. भारतीय सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट में न्यूजीलैंड को 36 साल बाद जीत नसीब हुई. फैंस भारत की इस हार का जिम्मेदार केएल राहुल को ठहरा रहे हैं. ऐसे में आपको भारत की इन 5 बड़ी गलतियाों के बारे में जरूर जानना चाहिए. 


1- 3 स्पिनर को खिलाना


इस मैच के शुरू होने से पहले ही बारिश की भविष्यवाणी कर दी गई थी. यह साफ था कि मैच के दौरान बारिश होगी और आसमान पर काले बादल छाए रहेंगे. फिर भी टीम इंडिया ने 3 स्पिनर के साथ उतरने का फैसला किया. वहीं न्यूजीलैंड की टीम तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरी. अगर भारत के पास तीन तेज गेंदबाज होते तो शायद मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था. 


2- टॉस जीतकर बैटिंग करना 


भले ही रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने के अपने फैसले के लिए खुलेआम गलती मानी, लेकिन इससे उनकी गलती कम नहीं हो जाती है. बारिश का मौसम, पिच और बादल छाए होने के बाद भी रोहित शर्मा ने पहले बैटिंग करने का फैसला ले लिया, जो पूरी तरह से गलत साबित हुआ. अगर न्यूजीलैंड को पहले बैटिंग का न्योता दिया जाता तो फिर यह टेस्ट भारत जीत सकता था. 


3- टिम साउथी को रोकने में नाकाम रहना


भारत के 46 रनों के जवाब में न्यूजीलैंड का स्कोर एक समय 233 रन पर 7 विकेट था. अगर यहां से टिम साउथी को 65 रनों की पारी खेलने से रोक दिया जाता तो फिर इस मैच का नजीता बदल सकता था. साउथी ने 5 चौके और 4 छक्के लगाए. रोहित उनके सामने स्पिनर लगाए रहे, जबकि वह आसानी से बाउंड्री मारते रहे. यह साफ दिख रहा था कि रोहित ने उस समय अटैक नहीं किया. अगर टीम इंडिया साउथी को रोक लेती तो न्यूजीलैंड की लीड 300 से ज्यादा रनों की नहीं होती. 


4- पहली पारी में सिर्फ 46 पर ऑलआउट


पहली पारी में केएल राहुल जीरो पर आउट होने वाले अकेले खिलाड़ी नहीं थे. टीम इंडिया के कुल 6 खिलाड़ी जीरो पर आउट हुए. पूरी टीम सिर्फ 46 रन ही बना सकी. ऐसे में सिर्फ केएल राहुल को हार का जिम्मेदार ठहराना सही फैसला नहीं होगा. रवींद्र जडेजा भी दोनों पारियों में कुछ खास नहीं कर सके.  


5- रोहित की खराब कप्तानी


यह कहना गलत नहीं होगा कि बेंगलुरु टेस्ट में रोहित शर्मा ने काफी साधारण कप्तानी की. ऐसा भी लगा कि मानो पहली पारी में 46 रन पर ऑलआउट होने के बाद कप्तान ने जीत की उम्मीद खो दी थी. अगर रोहित शर्मा सही समय पर बॉलिंग चेज करते, केएल राहुल को ऊपरी क्रम पर भेजते, टीम में तीन तेज गेंदबाज होते और दूसरी पारी में मैच को ड्रॉ कराने की सोचते तो फिर शायद मैच का नतीजा कुछ और होता.