भारत के लिए ओपनिंग की शुरूआत मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ ने की. दोनों ने मिलकर टीम इंडिया को अच्छी शुरूआत दी जहां शॉ एक अलग रंग में नजर आ रहे थे. लेकिन दूसरे छोर से टीम इंडिया को तब झटका लगा जब 21 रनों पर ही टीम ने अपना पहला विकेट गंवा दिया. इसके बाद क्रीज पर विराट आए और उन्होंने शॉ के साथ मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन 34 पर पृथ्वी भी क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए.
अब पिछले मैच के हीरो श्रेयस अय्यर और विराट बल्लेबाजी कर रहे थे. दोनों पारी को संभाल ही रहे थे कि विराट भी क्लीन बोल्ड हो गए और टीम ने 57 के स्कोर पर ही 3 विकेट गंवा दिए. इसके बाद केएल राहुल और अय्यर दोनों धीरे धीरे पारी को खींच रहे थे. इस बीच केएल राहुल भी 4 रन बनाकर आउट हो गए. अब टीम के पास ज्यादा उम्मीद नहीं बची थी. ऐसे में केदार जाधव और अय्यर ने टीम के स्कोर को 150 के पार पहुंचाया जिसके बाद अय्यर भी कीपर को अपना कैच दे बैठे.
इस तरह टीम इंडिया के एक भी बल्लेबाज के बीच साझेदारी नहीं हो पाई और टीम ने 153 रनों के स्कोर पर ही 7 विकेट गंवा दिए थे लेकिन तभी नवदीप सैनी और रवींद्र जडेजा ने जीत की उम्मीदों को उस वक्त जिंदा कर दिया जब दोनों के बीच 76 रनों की साझेदारी हुई. इसके बाद अंत में सैनी जब आउट हुए तो लगा कि टीम इंडिया हार जाएगी लेकिन अंत में जडेजा क्रीज पर बने रहे और पहले चहल और फिर बुमराह के साथ साझेदारी की. इस दौरान टीम के 9 विकेट गिर गए थे. अंत में टीम को 10 गेंदों में 23 रनों की जरूरत थी. जहां जडेजा भी आउट हो गए और न्यूजीलैंड ने भारत को 22 रनों से हरा दिया. यहां अय्यर ने 52, जडेजा ने 55 और सैनी ने 45 रनों की पारी खेली.
न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी की अगर बात करे टीम के ओपनर्स ने बेहद अच्छी शुरूआत की थी लेकिन इसके बाद एक भी बल्लेबाज केबीच साझेदारी नहीं हो पाई. न्यूजीलैंड के 5 विकेट 150 से लेकर 200 रनों के बीच गिर गए लेकिन इसके बाद टेलर ने आकर 73 रनों की पारी खेल दी और टीम के स्कोर 273 रनों तक पहुंचा दिया.