Team India: राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने कोच के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद कहा था कि एक तरफ हर सीरीज जीतने की कोशिश जारी रहेगी, जबकि दूसरी तरफ लॉन्ग टर्म प्लान्स को हासिल करने के लिए एक्सपेरिमेंट चलता रहेगा. इसके अलावा वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी खास ध्यान दिया जाएगा. अब न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद ही कोच द्रविड़ ने एक्सपेरिमेंट शुरू कर दिए हैं. यही वजह रही कि ईडन गार्डन्स में टॉस जीतने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने पहले गेंदबाज़ी नहीं चुनी और बल्लेबाजी का फैसला किया.
वजह यह रही कि भारतीय टीम सीरीज जीतने के बाद एक्सपेरिमेंट करना चाहती थी कि ड्यू फैक्टर को भारतीय गेंदबाज किस तरह डील करेंगे. खासतौर से टीम इंडिया के स्पिनर्स का प्रदर्शन कैसा रहेगा. रोहित शर्मा ने टॉस जीतने के बाद कहा, "प्लान यही है कि हमारी बैटिंग यूनिट एक नई चुनौती का सामना करे. देखना ये है कि इस चैलेंज का सामना हम लोग किस तरह से करते हैं, नई गेंद के साथ हमारे गेंदबाज़ किस तरह एक स्कोर को डिफेंड करते हैं, वो भी देखना होगा."
गौरतलब है कि इसी साल भारतीय टीम ने जिन 10 टी-20 मुक़ाबलों में पहले बल्लेबाजी किया, उसमें से सिर्फ 4 ही मुक़ाबलों में जीत दर्ज की है. दूसरी तरफ जिन 5 मुक़ाबलों में भारतीय टीम को रन चेज करने का मौका मिला, उसमें टीम का विनिंग परसेंटेज 100 फीसदी रहा. पिछले महीने टी-20 वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दुबई में टॉस हारकर जब भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी का मौका मिला, तो दोनों ही बार टीम इंडिया को हार मिली. इसी वजह से टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गयी थी.
रात के टी-20 मैचों में मैदान पर जब ओस रहती है, तब टॉस में हारने के बावजूद किस तरह मैच में जीत हासिल करनी है अब यही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे बड़ा चैलेंज बन गया है. इस चैलेंज का सामना करने के लिए कोच राहुल द्रविड़ ने ईडन गार्डन्स से ट्रेनिंग शुरू कर दी है. देखना होगा कि आगामी टी20 सीरीज में भारतीय टीम इस एक्सपेरिमेंट को जारी रखेगी या नहीं.
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