कानपुर टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरी पारी में 9 विकेट चटकाने के बावजूद टीम इंडिया मुकाबला नहीं जीत सकी. कीवी टीम के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने संयम से खेलते हुए मैच को ड्रॉ करा दिया. भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ये तीसरी बार है जब वह मैच की चौथी पारी में विरोधी टीम का 9 विकेट लेने के बाद भी जीत नहीं सकी. 


साल 1978 और 2006 का वो टेस्ट मैच


साल 1978 में 29 दिसंबर से कोलकाता में खेले गए टेस्ट मैच में भारत ने वेस्टइंडीज के सामने 335 रनों का लक्ष्य रखा था. वेस्टइंडीज अपनी दूसरी पारी में 9 विकेट के नुकसान पर 197 रन बनाई और मैच को ड्रॉ कराने में सफल रही. ये टेस्ट मैच क्रिकेट फैन्स आज भी याद करते हैं. और इसकी वजह है महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर.


ईडन गार्डन्स में खेले गए इस टेस्ट मैच में गावस्कर दोनों ही पारियों में शतक जड़कर मैन ऑफ द मैच बने थे. गावस्कर ने उस मैच की पहली पारी में 107 और दूसरी पारी में नाबाद 182 रन बनाए थे. उस मुकाबले में करसन घावरी ने भी कमाल की गेंदबाजी की थी. उन्होंने दो पारियों में कुल 7 विकेट लिए थे. 


इसके बाद 2006 में सेंट जॉन्स में खेले गए टेस्ट मैच की पहली पारी में भारत ने 241 रन बनाए थे. वेस्टइंडीज की टीम ने 130 रनों की बढ़त बनाई. लेकिन दूसरी पारी में वसीम जाफर के दोहरे शतक की बदौलत भारतीय टीम को 391 रनों की लीड मिली. वेस्टइंडीज की टीम  दूसरी पारी में 9 विकेट गंवाने के बावजूद मैच ड्रॉ कराने में कामयाब हो गई. 


कोलकाता और सेंट जॉन्स के बाद टेस्ट क्रिकेट में तीसरी बार ऐसा हुआ है जब भारतीय टीम दूसरी पारी में विपक्षी टीम के 9 विकेट चटकाने के बावजूद मैच नहीं जीत सकी. 


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