Toss Role in IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मुकाबला अब बेहद नजदीक है. टीम इंडिया का पलड़ा भारी है तो न्यूजीलैंड भी कम नहीं है. वैसे आईसीसी टूर्नामेंट्स में कीवी प्लेयर्स भारतीय टीम पर हावी रहे हैं लेकिन पिछले मुकाबले में टीम इंडिया ने इस भ्रम को तोड़ दिया था. ऐसे में दोनों ही टीमें बराबरी की टक्कर वाली कही जा सकती है. 15 नवंबर के दिन जो टीम अपना सर्वश्रेष्ठ देगी, जीत उसी की मुठ्ठी में होगी. हालांकि टीमों के प्रदर्शन के इतर टॉस भी एक ऐसा फैक्टर होगा जो जीत-हार तय करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा.


भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल मुकाबला वानखेड़े में खेला जा रहा है. यह मुकाबला दोपहर दो बजे शुरू होगा. यानी दूसरी पारी रात में खेली जाएगी. इस वर्ल्ड कप में वानखेड़े स्टेडियम में देखा गया है कि रात में दूसरी पारी के दौरान बल्लेबाजी बेहद ज्यादा मुश्किल रही है. यहां लाइट में नई गेंद को अच्छी स्विंग मिलती है और यह स्विंग देर तक बरकरार भी रहती है. यही कारण है कि इस मैदान पर डे-नाइट मुकाबलों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को अच्छी सफलता मिली है.


वर्ल्ड कप 2023 में यहां अब तक चार मैच खेले गए हैं. चारों मैच डे-नाइट रहे हैं. इन चारों ही मैच में लगभग एक जैसी परिस्थिति रही है. पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने विशाल स्कोर बनाया है, वहीं रन चेज़ करने वाली टीम मामूली स्कोर पर ढेर हुई है. ऑस्ट्रेलिया-अफगानिस्तान मैच जरूर इसका अपवाद रहा है लेकिन यहां भी ऑस्ट्रेलिया ने रन चेज़ करते हुए 100 के भीतर 7 विकेट खो दिए थे. बाद में पिच से मदद मिलना बंद हुई और मैक्सवेल अफगानी बॉलर्स पर भारी पड़ गए.


पहले और बाद में बल्लेबाजी में जमीन-आसमान का अंतर
वर्ल्ड कप 2023 में वानखेड़े मैदान पर हुए चारों मुकाबलों के आंकड़े देखें तो पहले और बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीमों के स्कोर में जमीन-आसमान का अंतर नजर आता है. इस टूर्नामेंट में यहां पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम का औसत स्कोर 357/6 है वहीं बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम का एवरेज स्कोर 188/9 है. इस स्कोर से समझा जा सकता है कि इस मैदान पर रात में रन-चेज़ करना किस हद तक घातक साबित हो सकता है.


फर्स्ट पावरप्ले के आंकड़े चौंकाने वाले
वानखेड़े में वर्ल्ड कप 2023 में पहले और बाद में बल्लेबाजी के दौरान अगर सिर्फ फर्स्ट पावरप्ले (1-10 ओवर्स) के आंकड़ो का ही एनालिसिस किया जाए तो अंतर साफ जाहिर हो जाता है. पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम का फर्स्ट पावरप्ले में औसत स्कोर जहां 1 विकेट खोकर 52 रन है, वहीं दूसरी पारी में यह स्कोर घटकर 4 विकेट पर 42 रन आकर गिर जाता है. यानी फर्स्ट पावरप्ले में ही मैच की जीत-हार तय हो जाती है.


'टॉस जीतो मैच जीतो' फॉर्मूला
वानखेड़े के यह आंकड़े देखकर साफ है कि टॉस जीतने वाली टीम यहां पहले बल्लेबाजी करना ही पसंद करेगी. पहले बल्लेबाजी कर यहां मैच जीतना भी आसान रहेगा. हालांकि अगर रन चेज़ करने वाली टीम किसी तरह शुरुआती 20 ओवर आराम से खेलते हुए निकाल दे तो बाकी के ओवर्स में बल्लेबाजी आसान हो जाएगी. आखिरी के 30 ओवर में यहां बैटिंग दोपहर की तुलना में भी आसान रहेगी.


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