IND vs NZ Semi-Final: भारत-न्यूजीलैंड में से किसे मिलेगी फाइनल की टिकट? जानें कौन कहां भारी और कहां कमजोर
IND vs NZ World Cup 2023 Semi-Final: भारत और न्यूजीलैंड के बीच अब तक वर्ल्ड कप में 9 मुकाबले हुए हैं. इनमें कीवी टीम को पांच जीत हासिल हुई है. हालांकि आज के मैच में टीम इंडिया का पलड़ा हावी है.
IND vs NZ Strength & Weakness: वर्ल्ड कप 2023 के पहले सेमीफाइनल में अब से कुछ ही देर में भारत और न्यूजीलैंड की भिड़ंत शुरू होने वाली है. आईसीसी टूर्नामेंट्स में न्यूजीलैंड की टीम पिछले दो दशकों में भारत पर हावी रही है लेकिन वर्तमान में टीम इंडिया बेहद दमदार अंदाज में क्रिकेट खेल रही है. इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया अब तक एक भी मुकाबला नहीं हारी है. ऐसे में आज के सेमीफाइनल मुकाबले में इन दोनों के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है.
दोनों ही टीमें मजबूत हैं. ऐसे में क्रिकेट एक्सपर्ट्स अलग-अलग टीमों की जीत के दावे कर रहे हैं. यहां हम इन दोनों टीमों के मजबूत पक्ष और कमजोर कड़ी का विश्लेषण लाए हैं, आप इसे पढ़कर खुद हार-जीत के नतीजे का पूर्वानुमान लगा सकते हैं.
टीम इंडिया का मजबूत पक्ष
भारतीय टीम के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि उसका हर खिलाड़ी फॉर्म में है. हर बल्लेबाज रन बना रहा है और हर गेंदबाज कसी हुई गेंदबाजी के साथ विकेट भी निकाल रहा है. भारतीय टीम इतनी शक्तिशाली पहले कभी भी नजर नहीं आई है. रोहित शर्मा की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत देती है. वह इस पूरे वर्ल्ड कप में टीम का मोमेंटम सेट करते हुए नजर आए हैं. शुभमन गिल उनका अच्छा साथ देते हुए भी नजर आए हैं. तीसरे नंबर पर विराट कोहली इस लय को आगे बढ़ाते हैं और फिर श्रेयस और केएल टीम को मंजिल तक पहुंचा देते हैं. सूर्यकुमार और रवींद्र जडेजा को कम ही मौकों पर अपनी पूरी बल्लेबाजी दिखाने का मौका मिला है.
गेंदबाजी की बात करें तो भारतीय बॉलर्स इस वर्ल्ड कप में हर मामले में टॉप पर चल रहे हैं. इनके खाते में सबसे ज्यादा विकेट (85), सबसे बेहतर इकोनॉमी रेट (4.5), सबसे बेहतर बॉलिंग एवरेज (19.6) और सबसे बेहतर स्ट्राइक रेट (26.2) है. इस आंकड़े के अलावा और कुछ बताने का मतलब नहीं रह जाता है. तेज गेंदबाजी में बुमराह-शमी और सिराज की तिकड़ी कहर बरपा रही है तो स्पिन विभाग में कुलदीप और जडेजा अपनी फिरकी से विपक्षी बल्लेबाजों को खूब नचा रहे हैं.
न्यूजीलैंड का मजबूत पक्ष
कीवी टीम की सबसे बड़ी खासियत उनका धैर्य है. इस वर्ल्ड कप में देखा गया है कि यह टीम बेहद ही शांत स्वभाव के साथ आगे बढ़ती रही है. कभी भी खिलाड़ियों के चेहर पर तनाव या दबाव नहीं दिखाई दिया है. बड़े मुकाबलों में यह सबसे कारगर चीज होती है. दबाव में खुद को बिखरने नहीं देने की कला ही न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी ताकत है. इसके साथ ही फील्डिंग में इस टीम का कोई तोड़ नहीं है. कप्तान केन विलियमसन की कप्तानी भी बेजोड़ है. वह विपक्षी टीमों को खुलकर खेलने का मौका नहीं देते हैं.
बल्लेबाजी और गेंदबाजी में भी न्यूजीलैंड के कुछ खिलाड़ी कमाल कर रहे हैं. रचिन रविंद्र इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर चल रहे हैं. डेरिल मिचेल बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं और इस बार लय में भी नजर आ रहे हैं. विलियमसन ने कम मैच खेले हैं लेकिन अच्छे रन बनाए हैं. उधर, गेंदबाजी में मिचेल सेंटनर स्पिन विभाग में दमदार हैं. वह भारत के कुलदीप यादव से ज्यादा विकेट ले चुके हैं. तेज गेंदबाजी में ट्रेंट बोल्ट और लॉकी फर्ग्यूसन बखूबी अपना काम कर रहे हैं.
टीम इंडिया का कमजोर पक्ष
वर्तमान भारतीय टीम का कमजोर पक्ष खोजना आसान नहीं है. यहां न्यूजीलैंड सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके ही भारत को मात दे सकती है. वैसे, भारतीय टीम में शुभमन गिल अब तक वैसी पारी नहीं खेल पाए हैं, जिसके लिए उन्हें पहचाना जाता है. सूर्यकुमार यादव और रवींद्र जडेजा को भी बहुत कम बल्लेबाजी करने का मौका मिला है. ऐसे में अगर आज भारत का टॉप ऑर्डर ध्वस्त होता है तो सूर्या और जडेजा पर बहुत ज्यादा दबाव होगा. बाकी गेंदबाजी में भारतीय टीम कहीं से भी कमजोर नजर नहीं आ रही है.
न्यूजीलैंड का कमजोर पक्ष
सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे शुरुआती मैचों में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब थम से गए हैं. उनके बल्ले से रन नहीं आ रहे हैं. निचले क्रम में मार्क चैपमैन ने भी अब तक कोई खास प्रदर्शन नहीं किया है. ग्लेन फिलिप्स और टॉम लैथम भी इक्का-दुक्का मैचों में ही चल पाए हैं. उधर, गेंदबाजी में टिम साउथी बहुत ज्यादा खर्चीले साबित हो रहे हैं. ट्रेंट बोल्ट अच्छी गेंदबाजी तो कर रहे हैं लेकिन कुछ मैचों में उनकी जमकर धुनाई भी हुई है. कीवी टीम को पांचवें गेंदबाज की भी कमी खल सकती है. कीवी टीम फिलिप्स, मार्क चैपमैन और रचिन रविंद्र से 10 ओवर करा रही है. टीम इंडिया इस कमजोर कड़ी का फायदा उठा सकती है.
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