India vs Pakistan, Kuldeep Yadav: अहमदाबाद में शनिवार को टीम इंडिया ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी. भारत को इस मैच में जीत दिलाने का सबसे अहम योगदान गेंदबाजों ने दिया. चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव पाकिस्तान के खिलाफ अलग ही लय में दिखाई दिए. उनके सामने पाकिस्तान के बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. भारतीय स्पिनर ने मैच में अपने 10 ओवर में सिर्फ 35 रन देकर दो अहम विकेट चटकाए थे. 


कुलदीप यादव का मानना है कि वह पाकिस्तान के बल्लेबाजों के दिमाग में भ्रम पैदा करने में सफल रहे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने उनकी गेंदों को समझे बिना जोखिम भरा स्वीप शॉट खेलने का प्रयास किया.


कुलदीप ने सऊद शकील और इफ्तिखार अहमद के महत्वपूर्ण विकेट लिए. इन दोनों ने बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर की गेंद पर स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में अपने विकेट गंवाए. 


कुलदीप से पूछा गया कि क्या उन्होंने इफ्तिखार अहमद के पांव को निशाना बनाकर गेंदबाजी करने की रणनीति बनाई थी तो उन्होंने इसका दिलचस्प जवाब दिया. कुलदीप ने कहा, "नहीं मैंने ऐसी योजना नहीं बनाई थी, लेकिन मैं गुगली कर रहा था तो मैंने ऐसा प्रयास किया. वह थोड़ा शॉर्ट पिच गेंद थी जो बाहर जा रही थी और इस गेंद पर उसके लिए स्वीप करना मुश्किल था."


इफ्तिखार ने ऑफ स्टंप से बाहर जा रही गेंद को स्वीप करने के प्रयास में अपने विकटों में खेल दिया था. कुलदीप ने कहा, "यह विकेट मुझे भाग्य से मिला और इस तरह के विकेट से बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ता है. वे मेरी गेंद को नहीं समझ पाए और इसको लेकर भ्रम में थे कि वे मेरी गेंद पर स्वीप शॉट लगाएं या सामान्य बल्लेबाजी करें. मैं हालांकि उसे बेहतर तरीके से आउट करना पसंद करता."


असल में कुलदीप को वह ओवर नहीं करना था और उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा से बात करने के बाद ही यह ओवर किया था. कुलदीप ने कहा, "मुझे लगा कि वे स्वीप शॉट खेलने का प्रयास करेंगे, क्योंकि वे ऐसा करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पहले कोई जोखिम नहीं उठाया, लेकिन जब कप्तान से बात करने के बाद मुझे वह अतिरिक्त ओवर करने को मिला तो मैंने दोनों विकेट उस ओवर में लिए."


उन्होंने कहा, "निश्चित तौर पर मोहम्मद सिराज ने बाबर आजम को आउट करके पाकिस्तान पर दबाव बनाया. इससे हमें मदद मिली. इसके बाद उस ओवर में मिले दो विकेट से वे आखिर तक नहीं उबर पाए."


कुलदीप ने कहा कि मोटेरा के विकेट से तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों को खास मदद नहीं मिल रही थी और 270 रन अच्छा लक्ष्य होता. उन्होंने कहा, "हमारी ऐसी कोई योजना नहीं थी कि हमें उन्हें एक निश्चित स्कोर तक रोकना है. हमारी सारी रणनीति पिच की प्रकृति पर निर्भर थी. इस विकेट पर 270 रन का लक्ष्य अच्छा होता."