Ind vs SA ODI Series: भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया है. टेस्ट सीरीज 1-2 से हारने के बाद वनडे श्रृंखला में उसे 0-3 से शिकस्त मिली है. टीम इंडिया ने दौरे की शुरुआत जीत के साथ की थी, लेकिन उसके बाद उसे लगातार 5 मैचों में हार मिली. भारतीय टीम के इस प्रदर्शन के बाद कुछ खिलाड़ियों पर गाज गिरनी तय है तो वहीं तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का करियर खतरे में है.
भुवनेश्वर को दौरे में 2 मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें वह फ्लॉप रहे. पहले दो वनडे मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें तीसरे मुकाबले से बाहर कर दिया गया. भुवनेश्वर कभी टीम इंडिया के मुख्य गेंदबाज हुआ करते थे. शुरुआती सफलता के लिए टीम उनपर निर्भर रहती थी, लेकिन पिछले कुछ मैचों से ना तो उनकी गेंदबाजों में वो धार दिख रही है और ना ही वो रन रोक पाने में सफल हो पा रहे हैं.
भुवनेश्वर ने सीरीज के पहले मैच में 10 फेंके थे और 64 रन दिए थे. उनके खाते में एक भी विकेट नहीं आया था. वहीं, दूसरे वनडे में उन्होंने 8 ओवर गेंदबाजी की और 67 रन लुटाए. भुवनेश्वर पूरी सीरीज में विकेट के लिए तरसते रहे. भुवनेश्वर की मुश्किल शार्दुल ठाकुर और दीपक चाहर के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद और बढ़ गई है. शार्दुल और दीपक ने गेंद के अलावा बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन किया है. ये दोनों गेंदबाज भुवनेश्वर की तरह स्विंग पर ही निर्भर रहते हैं.
अश्विन और अय्यर पर गिर सकती है गाज
भुवनेश्वर के अलावा टीम इंडिया के सबसे अनुभवी गेंदबाज आर अश्विन भी इस सीरीज में बेअसर रहे. उन्होंने पहले मैच में जहां 10 ओवर में 53 रन देकर 1 विकेट लिए तो दूसरे वनडे में उन्होंने 10 ओवर फेंके और 68 रन दिए. इस मैच में वह एक भी विकेट नहीं ले पाए. अश्विन के इस प्रदर्शन का असर टीम इंडिया पर पड़ा. पार्ल की पिच पर जहां दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर टीम इंडिया के बल्लेबाजों को बांधकर रखे थे और बीच के ओवरों में विकेट भी निकाल भी रहे थे वहीं अश्विन ना तो रन रोक पाए और ना ही विकेट निकाल पाए.
न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की धमाकेदार अंदाज में शुरुआत करने वाले श्रेयस अय्यर वनडे सीरीज में पूरी तरह फ्लॉप रहे. श्रेयस को सभी तीन मैचों में खेलने का मौका मिला और वह सिर्फ 54 रन बना पाए. पहले मैच में उन्होंने 17, दूसरे में 11 और तीसरे मैच में 26 रनों की पारी खेली.
तीनों ही मैचों में श्रेयस ने अपना विकेट फेंका. तीसरे मैचों में जब टीम को उनसे सबसे ज्यादा जरूरत थी तो वह बाउंड्री पर कैच थमाकर पवेलियन लौट गए. आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले कई युवा उनकी जगह लेने के लिए तैयार बैठे हैं. ऐसे में उनके करियर खतरे में नजर आ रहा है. सेलेक्टर्स शायद ही उन्हें दूसरा मौका दें.
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