IND Vs SA: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की टीम में वापसी हुई है. वापसी के बाद हार्दिक पांड्या ने कहा है कि जब वह चोट से ठीक नहीं हो पा रहे थे उस वक्त मानसिक रूप से काफी दबाव में आ गए थे. पिछले साल अक्टूबर में पीठ की चोट की सफल सर्जरी के कारण हार्दिक पांड्या को छह महीने तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा.
हार्दिक पांड्या ने इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला था. पांड्या का अंतरराष्ट्रीय मैच पिछले साल सितंबर में बेंगलुरु में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 था. पांड्या ने कहा कि ''सबसे पहले मैंने छह महीनों में सबसे ज्यादा यह माहौल मिस किया. ये कपड़े पहनकर जो अहसास होता है. वो एक तरीके से मानसिक चुनौती हो जाती है. बहुत सारी रूकावटें आयीं.''
पांड्या ने आगे कहा, ''मैं कोशिश कर रहा था कि जल्दी फिट हो जाऊं. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था तो मैं दबाव में आ गया था. उस समय काफी मानसिक रूप से दबाव में आ गया था. चीजें मुश्किल लगने लगी थी. लेकिन सब कुछ ठीक हो गया, रिहैब अच्छा हुआ. काफी लोगों ने मदद की.''
हार्दिक पांड्या का चयन न्यूजीलैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज के लिए हुआ था, लेकिन फिटनेस साबित नहीं करने के चलते उनका नाम वापस ले लिया गया. हालांकि हार्दिक पांड्या हाल ही में मुंबई में खेली गई डीवाई पाटिल ट्रॉफी में हिस्सा लेकर क्रिकेट के मैदान पर शानदार वापसी की है. इसमें पांड्या ने दो शतक जड़े जिसमें से दूसरा शतक 55 गेंद में नाबाद 158 रन था जिसमें उन्होंने 20 छक्के जड़े थे. पांड्या ने कहा कि यह उनके लिये अहम पारी थी.
अपनी स्पेशल पारी को लेकर पांड्या ने कहा, ''मैंने खेलना जारी रखा, मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती रही और छक्के भी लगते रहे. मैंने सोचा कि अगर छक्के लग रहे हैं तो मुझे रूकना नहीं चाहिए और मैं लगाता गया. लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पारी में 20 छक्के लगाऊंगा.''
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