एक्सप्लोरर

Temba Bhavuma ने 11 साल की उम्र में ही देख लिया था दक्षिण अफ्रीका को शानदार टीम बनाने का सपना

Temba Bhavuma: कई लोगों ने तब किशोरावस्था की तरफ बढ़ रहे इस बच्चे की बातों को गंभीरता से नहीं लिया होगा लेकिन इसके ठीक 15 साल बाद 2016 में उसने इतिहास रच दिया.

Temba Bhavuma: यह 2001 की बात है. केपटाउन के प्रतिष्ठित ‘साउथ अफ्रीकन कॉलेज स्कूल्स’ (एसएसीएस) ने विद्यार्थियों को एक ‘प्रोजेक्ट’ दिया जिसका विषय था, ‘अगले 15 साल में मैं स्वयं को कहां देखता हूं.' वह 11 साल का एक बच्चा था जिसके निबंध को स्कूल की गृह पत्रिका में जगह मिली थी. यह बच्चा कोई और नहीं बल्कि वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान तेम्बा बावुमा थे, जिन्होंने लिखा था, ‘‘मैं अगले 15 साल में खुद को मिस्टर माबेकी (दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति) के साथ हाथ मिलाते हुए देख रहा हूं जो मुझे दक्षिण अफ्रीका की मजबूत टीम तैयार करने के लिये बधाई दे रहे हैं.’’

छठी कक्षा में पढ़ने वाले बावुमा ने आगे लिखा, ‘‘अगर मैं ऐसा कर पाया तो मैं निश्चित तौर पर अपने प्रशिक्षकों और माता पिता के समर्थन तथा विशेषकर अपने दो ‘अंकल’ का आभारी रहूंगा जिन्होंने मुझे इस लायक बनाया.’’ बावुमा के इस निबंध को तब स्थानीय मीडिया ने भी खूब तवज्जो दी थी.

2016 में रचा था इतिहास

कई लोगों ने तब किशोरावस्था की तरफ बढ़ रहे इस बच्चे की बातों को गंभीरता से नहीं लिया होगा लेकिन इसके ठीक 15 साल बाद 2016 में जब बावुमा टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ने वाले पहले अश्वेत दक्षिण अफ्रीकी बने तो माबेकी राष्ट्रपति पद से हट चुके थे. लेकिन बमुश्किल 62 इंच लंबे बावुमा ने न सिर्फ अपनी भविष्यवाणी सच की बल्कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का कद भी बढ़ा दिया जो रंगभेद की नीति समाप्त होने के तीन दशक बाद भी पुराने दौर की मर्मांतक पीड़ा से उबरने की कोशिश कर रहा है.

और जाने या अनजाने, बावुमा राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के पहले अश्वेत कप्तान के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं जो कि केवल एक प्रतीक नहीं बल्कि ऐसे समाज के लिये उम्मीद की किरण है जो कि उस समाज से घुलने मिलने का प्रयास कर रहा है जिसने उसे सदियों तक दबाकर रखा था.

दक्षिण अफ्रीका की सीमित ओवरों के कप्तान के रूप में और अब तक केवल 16 वनडे खेलने वाले (उन्होंने हालांकि 47 टेस्ट मैच खेले हैं) बावुमा की शांतचित लेकिन ठोस बल्लेबाजी ने उनकी टीम की भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में जीत में अहम भूमिका निभायी और सीमित ओवरों के कप्तान के रूप में मैदान पर उनकी जीवंत उपस्थिति ने नयी उम्मीद जगायी है. और ऐसा क्यों न हो. आखिर उन्होंने विराट कोहली, केएल राहुल, शिखर धवन, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे शीर्ष खिलाड़ियों से सजी भारतीय टीम के खिलाफ आगे बढ़कर नेतृत्व किया है. यह मामूली उपलब्धि नहीं है.

सिपोकाज़ी सोकानीले दक्षिण अफ्रीकी पुरुष टीम से जुड़ी बेहद लोकप्रिय मीडिया मैनेजर हैं और उन्हें बावुमा वास्तविक नेतृत्वकर्ता लगते हैं. उन्होंने बावुमा को ड्रेसिंग रूम में एक खिलाड़ी ही नहीं एक व्यक्ति के रूप में भी देखा है. सिपोकाजी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘तेम्बा वास्तविक नेतृत्वकर्ता हैं और जो काम वह स्वयं करने की स्थिति में न हों उसकी किसी से उम्मीद भी नहीं करते हैं. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘तेम्बा ने खिलाड़ियों और टीम के लिये उच्च मानदंड तैयार किये हैं और हर कोई उस माहौल का हिस्सा है. हमारी टीम संस्कृति बहुत अच्छी है जो हर किसी को एकजुटता का अहसास दिलाती है.’’ लैंगा केपटाउन का एक उपनगरीय इलाका है जहां रंगभेद के दिनों में अश्वेत दक्षिण अफ्रीकी लोगों ने कई तरह की यातनाएं झेली हैं. इसका अपना सामाजिक राजनीतिक इतिहास है. बावुमा ने ऐसे इलाके में अपने पत्रकार पिता वुयो और खेलों के प्रति प्यार रखने वाली मां के सानिध्य में खुद को आगे बढ़ाया. बावुमा के भाग्य में सूर्य (स्थानीय भाषा में सूर्य को लैंगा कहा जाता है) की तरह चमकना लिखा था.

संयोग से बावुमा से पहले लैंगा से एक अन्य अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर थामी सोलेकिले निकला था जिनका करियर लंबा नहीं खिंच पाया था. वह हॉकी खिलाड़ी भी थे. उन पर घरेलू टी20 टूर्नामेंट में मैच फिक्सिंग करने के लिये प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन पिछले साल बावुमा के प्रमुख खिलाड़ी और नेतृत्वकर्ता के रूप में उबरने से इस समुदाय को भी मजबूती मिली. उन्होंने उन्हें अहसास दिलाया कि वे भी इस मुकाम पर पहुंच सकते हैं. वह अपनी सामाजिक स्थिति से अवगत हैं जिसका सबूत भारत पर 3-0 से जीत के बाद उनका बयान था. 

बावुमा ने रविवार को कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह आसान है (टीम की कप्तानी करना)। इसमें आपको कई चीजें प्रबंधित करने की जरूरत होती है. मेरे लिये क्रिकेट पर पूरा ध्यान रखना सबसे बड़ी बात रही.’’ एक जमाने में दक्षिण अफ्रीकी टीमों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आम बात नहीं थी. मखाया एनटीनी से पूछिये जिनके लिये अपने सर्वश्रेष्ठ दिनों में भी काम आसान नहीं था. सिपोकाजी को लगता है कि बावुमा इसे पूरी तरह से बदलना चाहता है.

ये भी पढ़ें-IPL Auction 2022: जो अब तक नहीं हुआ वो अब होगा! 20 करोड़ के पार जा सकती है इन खिलाड़ियों की बोली

उन्होंने कहा,‘‘ तेम्बा और डीन एल्गर ने ऐसी टीम संस्कृति तैयार की है जो सभी के अनुकूल है, जिसमें सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और जिसमें उन्हें लगता है कि वे टीम का हिस्सा हैं.’’

IPL Auction 2022: इन दो विदेशी खिलाड़ियों पर होगी पैसों की बरसात! ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से विरोधियों को कर देते हैं पस्त

 

Sports LIVE

ABP Shorts

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

‘एक जज को सन्यासी के जैसे रहना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए’, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?
‘एक जज को सन्यासी के जैसे रहना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए’, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?
'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को अखिलेश यादव ने बताया षड्यंत्र, कहा- 'ये जनमत का अपमान'
'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को अखिलेश यादव ने बताया षड्यंत्र, कहा- 'ये जनमत का अपमान'
Housefull 5 के सेट पर Akshay Kumar के साथ हुआ बड़ा हादसा, एक्टर की आंख में लगी चोट
'हाउसफुल 5 'के सेट पर अक्षय के साथ बड़ा हादसा, एक्टर की आंख में लगी चोट
न रहाणे और न रिंकू, इस स्टार खिलाड़ी को मिलेगी KKR की कप्तानी! मौजूदा फॉर्म देख हिल जाएंगे आप
न रहाणे और न रिंकू, इस स्टार खिलाड़ी को मिलेगी KKR की कप्तानी! मौजूदा फॉर्म देख हिल जाएंगे आप
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

विस्तार से देखिए आज की सभी बड़ी खबरेंपीड़ितों से मुलाकात...क्या हुई बात?संसद में चर्चा से कौन भाग रहा? Chitra Tripathi के साथ सबसे बड़ी बहससभापति पर 'शीत युद्ध'!

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
‘एक जज को सन्यासी के जैसे रहना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए’, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?
‘एक जज को सन्यासी के जैसे रहना चाहिए और घोड़े की तरह काम करना चाहिए’, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?
'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को अखिलेश यादव ने बताया षड्यंत्र, कहा- 'ये जनमत का अपमान'
'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को अखिलेश यादव ने बताया षड्यंत्र, कहा- 'ये जनमत का अपमान'
Housefull 5 के सेट पर Akshay Kumar के साथ हुआ बड़ा हादसा, एक्टर की आंख में लगी चोट
'हाउसफुल 5 'के सेट पर अक्षय के साथ बड़ा हादसा, एक्टर की आंख में लगी चोट
न रहाणे और न रिंकू, इस स्टार खिलाड़ी को मिलेगी KKR की कप्तानी! मौजूदा फॉर्म देख हिल जाएंगे आप
न रहाणे और न रिंकू, इस स्टार खिलाड़ी को मिलेगी KKR की कप्तानी! मौजूदा फॉर्म देख हिल जाएंगे आप
क्या भारत सरकार अपनी जमीन को किसी और देश को बेच सकती है? जान लीजिए जवाब
क्या भारत सरकार अपनी जमीन को किसी और देश को बेच सकती है? जान लीजिए जवाब
D Gukesh: मां-बाप दोनों हैं डॉक्टर, 7 की उम्र में चैंपियन फिर विश्वनाथन आनंद को पछाड़ा; जानें डी गुकेश के बारे में सबकुछ
मां-बाप दोनों हैं डॉक्टर, 7 की उम्र में चैंपियन फिर विश्वनाथन आनंद को पछाड़ा; जानें डी गुकेश के बारे में सबकुछ
'... और आपने आने की जहमत भी नहीं की, ये क्या है?', भरी कोर्ट में SC ने लगा दी केंद्र के वकील की क्लास
'... और आपने आने की जहमत भी नहीं की, ये क्या है?', भरी कोर्ट में SC ने लगा दी केंद्र के वकील की क्लास
चंदन की खुशबू से बढ़ेगा किसानों का मुनाफा, जानें क्या है एक्सपर्ट्स की राय
चंदन की खुशबू से बढ़ेगा किसानों का मुनाफा, जानें क्या है एक्सपर्ट्स की राय
Embed widget