IND vs SA: टीम इंडिया पर उठ रहे सवाल का रोहित शर्मा ने दिया जवाब, बताया क्यों प्रैक्टिस मैच खेलना सही नहीं
Rohit Sharma: टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने सेंचुरियन टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली हार के बाद बताया कि आजकल प्रैक्टिस मैच खेलना सही रणनीति क्यों नहीं है.
IND vs SA Cape Town Test: भारतीय क्रिकेट टीम साउथ अफ्रीका के दौरे पर गई हुई है, जहां टी20 और वनडे सीरीज खत्म होने के बाद 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज के पहला टेस्ट मैच सेंचुरियन में खेला गया जिसमें टीम इंडिया पारी और 32 रनों से हार गई. अब दूसरा टेस्ट मैच केप टाउन में खेला जाएगा, जहां भारतीय टीम ने आजतक कभी भी टेस्ट मैच नहीं जीता है.
सेंचुरियन टेस्ट मैच में मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा से पत्रकारों ने कई तीखे सवाल पूछे, जिनका रोहित ने इमानदारी से सही जवाब भी दिया. रोहित से पूछा गया कि टीम फर्स्ट क्लास टीम के साथ प्रैक्टिस मैच क्यों नहीं खेलती है?
अभ्याय मैच क्यों नहीं खेलती टीम इंडिया?
इस सवाल का जवाब देते हुए रोहित शर्मा ने कहा कि, "मैच के बाद रोहित शर्मा ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए इस सवाल का जवाब देते हुए पत्रकारों से कहा कि, "हम पिछले 4-5 साल से प्रैक्टिस मैच खेल रहे हैं. हम फर्स्ट क्लास मैचों में भी खेलने की कोशिश करते हैं, लेकिन उसमें आपको वो विकेट नहीं मिलती है, जो कि आपको असली मैच में मिलती है. ऐसे में अपनी जरूरतों के हिसाब से अपने खिलाड़ियों के साथ ही तैयारी करना ज्यादा अच्छा है, क्योंकि तब हम अपनी जरूरत के हिसाब से पिच तैयार करवाते हैं. ऐसे में हम मैदान पर कंट्रोल कर सकते हैं."
टीम इंडिया के कप्तान ने आगे कहा कि, "हम जब पिछली बार ऑस्ट्रेलिया गए थे, और 2018 में साउथ अफ्रीका आए थे, तब हमें प्रैक्टिस के लिए जो पिच मिली थी, उसमें गेंद हमारे घुटने से ऊपर भी नहीं जा रही थी, जबकि मैच वाली पिच पर गेंद हमारी सिर के ऊपर से उड़ रही थी. लिहाजा, इन सभी फैक्टर्स को देखने के बाद हमने फैसला लिया कि हम अपनी जरूरतों के हिसाब से खुद तैयारी और प्रैक्टिस करेंगे."
रोहित शर्मा ने बताया सही कारण
आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को लगातार 10 मैच जिताकर फाइनल तक ले जाने वाले कप्तान रोहित शर्मा ने साउथ अफ्रीका में सेंचुरियन टेस्ट मैच में मिली हार के बाद अपने बयान में आगे कहा कि, "अगर आपको प्रैक्टिस मैच में भी वैसी ही पिच मिलती है जैसी कि आपको मैच में मिलने वाली है, फिर तो वो मैच खेलना सही है.
तब हमें बॉलर्स भी ऐसे मिलते हैं, जो 120-125 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से गेंदबाजी करते हैं. हमने अपने 2 या 3 प्रैक्टिस मैचों में ऐसा ही अनुभव किया है, इसलिए हमने यह फैसला किया कि हम अपने ही गेंदबाजों का सामना करेंगे, और पिच को अपनी जरूरत के हिसाब से तैयार कराएंगे."