IND vs WI: उमेश यादव और पुजारा के लिए बंद नहीं हुए टीम इंडिया के दरवाज़े, ड्रॉप करने के पीछे थी ये वजह
Indian Cricket Team: वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए टेस्ट और वनडे टीम का ऐलान हो चुका है. इस बार भारतीय टेस्ट टीम में काफी बदलाव देखने को मिले हैं. टीम में युवा खिलाड़ियों को तरजीह दी गई है.
Indian Team: भारतीय टीम आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलते हुए एक्शन में दिखाई दी थी. अब टीम इंडिया जुलाई में वेस्टइंडीज़ का दौरा करेगी, जहां मेन इन ब्लू 2 टेस्ट, 3 वनडे और 5 टी20 मैचों की सीरीज़ खेलेगी. दौरे के लिए वनडे और टेस्ट सीरीज़ की घोषणा बीते शुक्रवार (23 जून) को कर दी गई थी, जबकि टी20 का स्क्वाड अनाउंस होना बाकी है.
टेस्ट स्क्वाड देखने के बाद लगातार बहस जारी है. बीसीसीआई की ओर से इस बार टेस्ट टीम मे कई बड़े बदलवा किए गए हैं. टीम में सीनियर खिलाड़ियों की जगह युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया है. टेस्ट टीम से स्टार बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा और गेंदबाज़ उमेश यादव को ड्रॉप कर दिया गया है, जबकि पेसर मोहम्मद शमी को आराम दिया गया है.
पुजारा और उमेश यादव के ड्रॉप किए जाने के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि दोनों ही खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के चलते टीम से अलग कर दिया गया है. अब ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि उमेश यादव और पुजारा जैसे किसी भी सीनियर खिलाड़ियों के लिए टीम इंडिया के दरवाज़े बंद नहीं हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि उमेश यादव को इंजरी के चलते रेस्ट दिया गया है.
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने एक सूत्र के हवाले से यह बताया, “उमेश हैमस्ट्रिंग की चोट से परेशान हैं और नेशनल क्रिकेट अकेडमी में रिकवरी कर रहे हैं.” रिपोर्ट में बताया गया कि पुजारा को इसलिए बाहर किया गया है क्योंकि चयनकर्ता युवा खिलाड़ियों को मौका देना चहाते हैं. टेस्ट टीम में यशस्वी जयासवाल और रुतुराज गायकवाड़ जैसे युवा खिलाड़ियों को शामिल किया गया है.
किसी भी सीनियर खिलाड़ी के लिए टीम इंडिया के दरवाज़े बंद नहीं
सोर्स के हवाले से बताया गया, “डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले 15 महीने तक बाहर रहने के बाद अगर अजिंक्य रहाणे को टेस्ट टीम का उप-कप्तान बनाया जा सकता है, तो कोई भी वापसी कर सकता है. किसी भी सीनियर खिलाड़ी के लिए दरवाज़े बंद नहीं हुए हैं.”
आगे कहा गया, “यह सिर्फ इतना है कि आपको कहीं बदवाल शुरू करने की आवश्यकता है. चयनकर्ता ऐसी स्थिति नहीं चाहते हैं जहां सभी सीनियर एक बार में ही मैदान छोड़ दें और हमारे पास ड्रेसिंग रूम में कोई अनुभवी खिलाड़ी नहीं बचा हो.”
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