भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज़ के पहले दोनों मुकाबले टीम इंडिया गंवा चुकी थी. इसके बाद विकेटकीपर दिनेश कार्तिक की जगह युवा खिलाड़ी रिषभ पंत को टेस्ट डेब्यू करने का मौका दिया गया. इन्होंने इस मैच में ना सिर्फ अपनी छाप छोड़ी बल्कि टीम इंडिया की जीत में अहम योगदान भी दिया.


भारत के लिए अपना डेब्यू करने के बाद युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत का कहना है कि भारत ए टीम के साथ इंग्लैंड दौरे से उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के साथ तेज और उछालभरी गेंदबाजी का सामना करके अच्छे प्रदर्शन में मदद मिली.


बीस साल के पंत ने ट्रेंट ब्रिट में अपने पहले टेस्ट में पहली पारी में 24 रन बनाये और फिर सात कैच भी लपके.


उन्होंने कहा,‘‘इंग्लैंड में विकेटकीपिंग हमेशा कठिन होती है क्योंकि गेंद विकेट के पीछे लड़खड़ाते हुए आती है. मैं पिछले ढाई महीने से इंग्लैंड में भारत ए के लिये खेल रहा हूं जिससे काफी फायदा मिला है.’’


उन्होंने कहा,‘‘मैं नेट पर अभ्यास कर रहा हूं कि तेज गेंदों से कैसे निपटना है और इसका फायदा मिल रहा है.’’


टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण पर उन्होंने कहा,‘‘यह बेहतरीन मौका है. मैं आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में इन सभी के साथ खेल चुका हूं लेकिन देश के खिलाफ खेलने का अहसास ही अलग है. टेस्ट क्रिकेट खेलना मेरा सपना था.’’


रूड़की से आकर दिल्ली में क्रिकेट खेलने वाले पंत ने अपनी कामयाबी का श्रेय भारत ए के कोच राहुल द्रविड़ और अपने बचपन के कोच तारक सिन्हा को दिया.


उन्होंने कहा,‘‘मैने शून्य से शुरूआत की थी लेकिन जब आप कड़ी मेहनत के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढते हैं तो उसे हासिल कर लेते हैं. मैं राहुल द्रविड़ सर का शुक्रगुजार हूं और अपने बचपन के कोच राहुल सिन्हा का भी. उन्होंने मेरी जीवन में हर कदम पर मदद की है.’’